आजकल एलोवेरा (aloe vera) की मांग बढ़ती जा रही है. इसे ग्वारपाठा भी कहते हैं.
बेहतरीन प्यूरीफायर(purifier) है एलोवेरा इसके अलावा एलोवेरा को एक बेहतरीन प्यूरीफायर भी माना जाता है.
आयुर्वेद में संजीवनी का दर्जा मिला है एलोवेरा को एलोवेरा को आयुर्वेद में संजीवनी की संज्ञा दी गई है.
इसमें भरपूर मात्रा में अमीनो एसिड होता है और विटामिन B 12 बहुत अच्छी मात्रा में होता है जिसके कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
धूसर मिट्टी में होती है बढ़िया पैदावार धूसर मिट्टी में एलोवेरा अच्छी पैदावार देता है.
कम लागत में अधिक मुनाफा एलोवेरा की खेती एलोवेरा की खेती की सबसे बढ़िया बात यह है कि सिर्फ एक बार पौधे लगाकर 5 साल तक से मुनाफा कमाया जा सकता है
कहां पाया जाता है एलोवेरा एलोवेरा मुख्यतः शुष्क इलाकों( dry areas) में पाया जाता है
ध्यप्रदेश राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र हरियाणा के सूखे हिस्सों में यह बहुतायत में मिलता है इसका तना छोटा पत्तियां हरी और गद्देदार होती है
कम पानी में संभव है एलोवेरा की खेती एलोवेरा के पौधों को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है.
एलोवेरा के पौधे कब लगाएं? यूँ एलोवेरा का पौधा कभी भी लगाया जा सकता है लेकिन अच्छी पैदावार के लिए जुलाई-अगस्त में इसे लगाना ज्यादा उचित रहता है.