कश्मीर. यहां केसर की खेती बहुतायत में होती है. यहां की केसर देश-विदेश में भेजी जाती है.
केसर की खेती यहां के किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है पर भारत में मौसम की अनिश्चितता की मार केसर पर भी पड़ती है
क्या है केसर की इंडोर खेती के फायदे -इंडोर केसर की खेती एक छोटे से कमरे में की जा सकती है
इससे किसानों को हर दिन खेत की रखवाली की आवश्यकता नहीं होती. इससे समय और श्रम दोनों बचते हैं. -इस तरह की खेती में जंगली जानवरों और कीटों का भी का भी कोई खतरा नहीं रहता.
कैसे की जाती है केसर की इंडोर फार्मिंग केसर की इंडोर फार्मिंग के लिए एक अंधेरे बंद कमरे की जरूरत होती है. इस कमरे में रोशनी बिल्कुल भी नहीं पहुंचनी चाहिए.
इसके बाद केसर खेती के लिए तैयार हो जाती है. इसके लिए 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.
केसर की इंडोर फार्मिंग कर बनाई पहचान शुरुआत में कश्मीर में केसर की इंडोर फार्मिंग प्रयोग के रूप में शुरू की गई थी लेकिन इसकी सफलता के बाद इसे धीरे-धीरे दूसरे किसानों ने भी अपनाना शुरू कर दिया.
यह उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जिनके पास खेती योग्य जमीन की कमी है.
यह तकनीक सिर्फ यहां के लिए किसानों के लिए ही नहीं भारत भर के किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है
केसर की इंडोर फार्मिंग के जरिए हमारे किसान भाई लाखों का मुनाफा बिना किसी झंझट के कमा सकेंगे.