उन्नत किस्में ग्वार की उन्नत क़िस्मों के नाम है, आरजीसी 936, आरजीसी 1002, आरजीसी 1003, आरजीसी 1066, एचजी 365, एचजी 2-20, जीसी 1, आरजीसी 1017, एचजीएस 563, आरजीएम 112, आरजीसी 1038 व आरजीसी 986
खेत की तैयारी भारी व अधिक खरपतवार वाली भूमि में गर्मी की एक जुताई करें. वर्षा के साथ 1-2 जुताई कर खेत तैयार करें.
बुवाई का समय ज़्यादातर में जून के अंत या जुलाई के प्रथम पखवाड़े में इसकी बुवाई की जाती है
बीज का उपचार बीज जनित रोगों से बचाने के लिए, बीज का उपचार 2.0 ग्राम बाविस्टीन से किलोग्राम बीज को उपचरित कर बोयें.
बीज की मात्रा बुवाई की परिस्थितियों के अनुसार 4 से 5 किलो बीज प्रति बीघा बोने के लिए पर्याप्त होगा
बुवाई ग्वार की बुवाई ड्रिल द्वारा या दो पोरों से करें और कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर व पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें
अंतराशस्य आमतौर पर ग्वार को मूँग, मोठ, तिल या बाजरे के साथ कतारों में सहफ़सली रूप में लिया जाता है.