सूरज की रौशनी पृथ्वी पर जीवन का संचार करती है. इसमें जरा सा भी बदलाव पृथ्वी पर मौजूद जीवों को प्रभावित करता है.
अब इसी सूरज से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है.
सूरज की रौशनी पेड़ पौधों से लेकर इंसानों तक में जीवन का संचार करती है
यही वजह है कि हर धर्म के लोग इसकी पूजा करते हैं. हिंदू तो सूरज को एक देवता के रूप में देखते हैं.
वैज्ञानिकों की एक टीम का दावा है कि सूरज अपने पहले साइज की तुलना में छोटा होता जा रहा है.
कहा जा रहा है कि सूर्य की त्रिज्या पहले के विश्लेषणों की तुलना में कुछ प्रतिशत पतली हुई है.
कुछ एस्ट्रोनॉमर्स का मानना है कि पारंपरिक रूप से सूर्य की भूकंपीय त्रिज्या को मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले एफ-मोड पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं हैं.
हालांकि, वे सूर्य के प्रकाशमंडल के किनारे तक फैलते नहीं हैं.
एफ-मोड के बारे में कहा जाता है कि ये उस चीज़ को फैलते हुए दिखाते हैं जिसे खगोलविद टकाटा और गफ प्रेत सतह के रूप में संदर्भित करते हैं.
वहीं दूसरी ओर पी मोड सूर्य के ऊपरी संवहन क्षेत्र यानी हलचल वाले क्षेत्र के प्रति कम संवेदनशीलता के कारण आगे तक पहुंचते हैं.
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