आयुर्वेद दुनिया का बहुत बड़ा विज्ञान है लेकिन हम इसके बारे में बहुत कम जानते हैं.

आयुर्वेद के बारे में अगर बात की जाये तो  यह दुनिया का सबसे पुराना विज्ञान है.

जिसमें महर्षि पतंजलि से लेकर चरक तक बहुत बड़े विद्वान हुए हैं और उन्होंने दुनिया को चिकित्सा के बारे में राह दिखाई है.

बहेड़ा क्या है, और कहाँ पाया जाता है? बहेड़ा  एक  ताम्बे के रंग का फल होता है और इसका पेड़ होता है.

जिसमें गर्मी  के मौसम में फूल आते हैं और उसके बाद बसंत के मौसम में फल आते हैं.

अन्य भाषाओं  में बहेड़ा के नाम बहेड़ा को अलग-अलग  भाषाओं  में  कई नामों से जाना जाता है. जैसे-  संस्कृत-   भूतवासा, विभीतक, अक्ष, कर्षफल, कलिद्रुम नाम से जाना जाता है.

असमिया - बौरी नाम से जाना जाता है. कन्नडा-  तोड़े , तोरै नाम से जानते हैं.   बंगाली- साग , बयड़ा  नाम से जानते हैं.

बहेड़ा के लाभ 1. बहेड़ा फल की मींगी का तेल बालों के लिए अत्यन्त पौष्टिक है. इससे बाल स्वस्थ हो जाते हैं.

1. बहेड़ा  की मींगी के चूर्ण को शहद  के साथ मिलाकर काजल की तरह लगाने से आँख के दर्द तथा सूजन आदि में लाभ होता है.

1. दमे की बीमारी में इसका उपयोग किया जाता है. 2. किडनी में पथरी होने पर इसका उपयोग किया जाता  है.

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