क्या आप जानते हैं कि प्राकतिक रूप से हीरा कैसे बनता है?

प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सबसे कठोर पत्थर होने के कारण हीरे को बनने के लिए तीव्र दबाव और तापमान की आवश्यकता होती है.

ये स्थितियां केवल पृथ्वी के भीतर ही प्राप्त होती हैं. तो वे पृथ्वी के भीतर से सतह तक कैसे पहुंचते हैं?

हीरे पिघली हुई चट्टानों या मैग्मा में होते हैं, जिन्हें किम्बरलाइट्स कहा जाता है.

अब तक, हम यह नहीं जानते थे कि किस प्रक्रिया के कारण किम्बरलाइट्स लाखों या यहां तक ​​कि अरबों वर्षों तक महाद्वीपों के नीचे छिपे रहने के बाद अचानक पृथ्वी की परत से कैसे निकल आते हैं.

अधिकांश भूविज्ञानी इस बात से सहमत हैं कि जिन विस्फोटकों के बाद हीरे निकलते हैं उनका तालमेल सुपरकॉन्टिनेंट चक्र के साथ होता है:

भूमि निर्माण और विखंडन का एक आवर्ती पैटर्न जिसने पृथ्वी के अरबों वर्षों के इतिहास को परिभाषित किया है. 

हालांकि, इस रिश्ते के अंतर्निहित सटीक तंत्र पर बहस चल रही है. जिसके 2 मुख्य सिद्धांत सामने आये हैं.

एक थ्योरी के मुताबिक  किम्बरलाइट मैग्मा उन ‘घावों’ की वजह से बनते हैं जो पृथ्वी की पपड़ी खिंचने से बनते हैं

जब पृथ्वी को ढकने वाली ठोस चट्टान के स्लैब - जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स के रूप में जाना जाता है वो विभाजित हो जाते हैं.