किसान भाइयों के लिए सूरजमुखी की खेती उन्नत फसलों में से एक मानी जाती है, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल होती है. ये ही नहीं इस फसल को नकदी फसल के नाम से भी जाना जाता हैं. यह फसल किसानों को बाजार में अधिक मुनाफा कमा कर देती है.
सूरजमुखी फसल की तैयारी (Sunflower crop preparation) – इस फसल की तैयारी के लिए आपको अपने खेत में बलुई और हल्की दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है.
– साथ ही आपके खेत की मिट्टी में जीवांश कार्बन की मात्रा पाई जानी चाहिए. यह फसल की वृद्धि के लिए अच्छा माना जाता है. – इसके अलावा खेत की मिट्टी में पर्याप्त नमीं बनी रहनी चाहिए,क्योंकि इसे बीच अच्छे से पनपते हैं.
सूरजमुखी बीज की किस्में (sunflower seed species) – ईसी 68414 – ईसी 68415 – ईसी 69874 – सनराइज सेलेक्शन – मार्डन सूर्या – ज्वालामुखी – केवीएसएच-1
सूरजमुखी की खेती से लाभ (benefits of sunflower cultivation) किसानों को इसकी खेती से बाजार में बेहद लाभ प्राप्त होता है.
क्योंकि बाजार में इस फसल की अधिक मांग होती है.
इसकी फसल से कई तरह के उत्पादों को तैयार किया जाता हैं.
मुख्य इस फसल से खाद्य तेल का उत्पादन किया जाता है.
हृदय रोगियों के लिए इस तेल को बेहद ही लाभदायक माना जाता हैं.
– बीजों की बुवाई के बाद उसमें 6लीटर से 600 से 800 लीटर पानी में पेंडीमेथिलीन दवा का मिश्रण कर फसलों पर छिड़काव करें. ऐसा करने से फसल में खरपतवार नहीं लगते हैं