बकरियां 10 से 12 माह पर गर्भधारण करने वाली हो जाती है और 16 से 18 महीने की आयु में पहला बच्चा दे देती है। इस प्रकार कम समय में ही झुण्ड का आकर बढ़ने लगता है।

1. बकरी का दूध :- दूध एक सम्पूर्ण आहार है एवं मानव शरीर के पोषण के लिए दूध का योगदान बहुत अधिक है।

2.बकरी का मांस:- बकरी के मांस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने के कारण काफी पसंद किया जाता है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

3.अन्य लघु उद्योग:- बकरी पालन से हर व्यक्ति को कम लागत में दूध व मांस मिल सकता है।

बकरी का चमड़ा भी काफी महत्वपूर्ण है।

बकरी के चमड़े का उपयोग ढोलक, तबला, पर्स, जैकेट, बेल्ट, ढपली तथा अन्य सजावटी समान बनाने इत्यादि में होता है।

4.बकरी की ऊन(रेशों):- बकरियों की विभिन्न प्रजातियों में ऊन के बाल पाये जाते हैं।

इनसे कालीन , चटाई व दरी बनाई जाती है तथा विभिन्न प्रकार के नमदे,ऊनी वस्त्र भी बनाये जाते हैं।

5.खाद:- बकरी से एक साल में लगभग दो किवंटल खाद प्राप्त होती हैं।

बकरी से मिलने वाली खाद को काफी उर्वरक माना गया है

इसका उपयोग भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जाता है।