चना एक सबसे महत्वपूर्ण दलहनी फसल मानी जाती है.

चने के पौधे की हरी पत्तियां साग और हरा सूखा दाना सब्जियां बनाने में प्रयुक्त होता है.

चना की खेती के लिए भूमि की तैयारी चने की खेती दोमट और बुलई मिट्टी में आसानी से की जा सकती है.

कृषि विशेषज्ञ बुवाई के लिए मिट्टी का pH मान 6-7.5 को उपयुक्त मानते हैं.

देशी चना की प्रमुख किस्में कृषि विशेषज्ञ सीजन में समय पर बुवाई के लिए जीएनजी 1581 (गणगौर),

जीएनजी 1958(मरुधर), जीएनजी 663, जीएनजी 469, आरएसजी 888, आरएसजी 963, आरएसजी 963

. मौसम खेती के लिए अनुकूल रहने पर सामान्यतः चने की फसल 100-120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है

काबुली चना की प्रमुख किस्में कृषि विशेषज्ञ एल500, सी-104, काक-2, जेजीके-2, मैक्सिकन बोल्ड को काबुली चने की प्रमुख किस्म मानते हैं.

यह किस्में एक हेक्टेयर में यह 10-13 क्विंटल पैदावार देतीं हैं.

बुवाई से पहले करें बीजों का उपचार खेत में बीजों की बुवाई से पहले रासायनिक फफूंदीनाशक से उपचारित कर लें.

रासायनिक विधि से करें खरपतवार नियंत्रण  फ्लूक्लोरेलिन 200 ग्राम का बुवाई से पहले या पैंडीमेथालीन 350 ग्राम का बीजों के अंकुरण से पहले लगभग 300 लीटर पानी में घोल बना लें