बुन्देलखण्ड के किसान के लिए रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने मूंगफली की खेती करने की सलाह दी है. ताकि वह भी इसकी खेती से अधिक लाभ कमा सके...
बुन्देलखण्ड के किसान मूंगफली की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं भारत में इसकी खेती सबसे अधिक आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात राज्यों में की जाती है.
इस विषय में कृषि वैज्ञानिक डॉ राकेश चौधरी एवं डॉ आशुतोष शर्मा ने मूंगफली की खेती को लेकर कहा कि अब बुन्देलखण्ड के किसान (farmers of bundelkhand) भी इस खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.
इसके लिए कृषि वैज्ञानिक ने यहां के किसानों को मूंगफली की खेती (Peanut Farming) करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है.
मूंगफली की खेती के लिए खेत की तैयारी (preparation for groundnut cultivation)
इसके लिए आपको सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल या फिर हैरो से जुताई करना शुरू करें. इसके बाज पाटा लगाकर मिट्टी को समतल बनाएं.
मूंगफली की खेती के लिए उन्नत किस्में (Improved Varieties for Groundnut Cultivation)
मूंगफली की खेती के लिए किसानों को अपने खेत में मूंगफली की उन्नत किस्मों (improved varieties of peanuts) को लगाना चाहिए.
ताकि वह कम समय में उगकर अच्छी पैदावार दे सकें. इसके लिए वह टीजी 37 ए, दिव्या, मल्लिका, एचएनजी 123, नित्या आदि किस्मों को लगाएं.
ध्यान रहे कि खेत में बीजों की मात्रा 60 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालें और खेत में उर्वरक का प्रयोग भूमि परीक्षण (Ground test) के आधार पर ही किया जाना चाहिए.