स्टडी के मुताबिक 45 या उससे कम उम्र के लोगों में लगभग 10 से 14 प्रतिशत लोगों को स्ट्रोक पड़ने के केसेस बढ़े हैं
जिसके कारण यह एक गंभीर चिंता का विषय है.
एक समय था जब स्ट्रोक बूढ़े- बुजुर्ग लोगों की बीमारी थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में यह सबसे यंग एक के लोगों को अपना शिकार बना रही है.
अब स्थिति इतनी खराब है कि देश के सामने यह एक चिंता का विषय बना हुआ है.
स्टडी के मुताबिक 45 या उससे कम उम्र के लोगों में लगभग 10 से 14 प्रतिशत लोगों को स्ट्रोक पड़ने के केसेस बढ़े हैं.
जिसके कारण यह एक गंभीर चिंता का विषय है
हृदय संबंधी बीमारी अतालता, लिपिड विकार, मोटापा, मधुमेह, धूम्रपान, शराब पीना और शारीरिक निष्क्रियता - स्ट्रोक के लगभग 50 प्रतिशत लोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं
तनाव स्ट्रोक का कारण कैसे बनता है? तीव्र मनोवैज्ञानिक तनाव के लंबे समय तक संपर्क में रहने से घटनाओं का सिलसिला शुरू हो सकता है
न्यूरोएंडोक्राइन फंक्शन में दिक्कत आना जिसके कारण स्ट्रेस हार्मोन का शरीर में बढ़ना.
शरीर में जगह-जगह सूजन हो जाना.
ब्लड सर्कुलेशन का फट जाना या खऱाब हो जाना, ब्लड सर्कुलेशन में कैल्शियम जमा हो जाना.