जानें अरहर की खेती से जुड़ी सभी मुख्य बातें भारत में दलहनी फसलों में अरहर का अपना एक विशेष स्थान हैं।
अरहर की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकतें हैं,
अरहर की उन्नत किस्में भारत में अरहर की खेती करने के लिए व सही उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही बीज का चुनाव करना बहुत ही जरुरी है।
RVICPH 2671: ये पहली सीएमएस आधारित भूरी अरहर की शंकर किस्म है।
पूसा 9: इस किस्म की अवधि 260 से 270 दिनों की होती हैं,
JKM 189: अरहर की इस किस्म में हरी फलिया व काली धारियों के साथ लाल व भूरा बड़ा दाना होता है।
पूसा अगेती: अरहर की इस किस्म में फसल की लंबाई छोटी व दाना मोटा होता हैं।
ICPL 87: इस किस्म में फसल की लंबाई छोटी होती हैं,
उपस (UPAS) 120: ये किस्म उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लगाने के लिए उपयुक्त है।
TJT 501: ये किस्म मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बुवाई के लिए उपयुक्त है।
अरहर की खेती के लिए मिट्टी वैसे तो अरहर की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है,