बाजारा जिसे अंग्रेज़ी में मिलेट (Millet) कहा जाता है,

पौष्टिकता से भरपूर होता है और ठंड के मौसम में तो अक्सर इसे खाने की सलाह दी जाती है,

क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। पहले तो सिर्फ़ गाँवों में ही लोग ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज खाना पसंद करते थे

लेकिन अब तो शहरों में भी लोग इसे खाना पसंद कर रहे है।

बाजरे की खेती करने वाले किसान इसे न सिर्फ़ फसल के रूप में बेच सकते हैं,

बल्कि मूल्य संवर्धन इकाई स्थापित कर इससे अन्य चीज़ें बनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

सरोज एन. पाटिल कर्नाटक के दावणगेरे ज़िले के नित्तूर गांव की रहने वाली हैं।

उनके पास खेती योग्य 11 हेक्टेयर भूमि है।

सरोज और उनका परिवार धान, फिंगर मिलेट यानी रागी की GPU-28 किस्म, छोटा बाजरा (Minor Millet), नारियल और सुपारी की खेती करता है।

इसके अलावा, उनके पास 7 गायें, 6 भैंसें और पोलट्री इकाई में 12 हज़ार पक्षी हैं

उनका Value Addition कर अच्छी आमदनी अर्जित कर रही हैं।