नोरा फतेही जब छोटी बच्ची थीं तभी से वो हिंदी सिनेमा के प्रति आकर्षित हैं
तभी उन्होंने तय कर लिया था कि वो बड़ी होकर क्या बनेंगीं
लेकिन परिवार ने भी उनके सपनों को उसी पल कुचल दिया था.
जिससे वो आहत तो हुईं लेकिन वो सपना उनके भीतर ही पलता रहा.
डांस की शौकीन नोरा जब भी समय मिलता हिंदी गानों पर खूब थिरकती, पकड़े जाने पर पिटाई भी खातीं
अपने जुनून का साथ उन्होंने कभी नहीं छोड़ा
आखिरकार हिम्मत जुटाकर उन्होंने वो करने की ठान ली जो वो हमेशा से करना चाहती थीं.
. इसमें उनका परिवार उनके साथ नहीं था लेकिन फिर भी नोरा ने साहत जुटाया.
बेहतरीन डांस सीखने के बाद नोरा ने भारत आने का मन बनाया
लेकिन यहां आने के लिए उनकी जेब में उतने पैसे नहीं थे जितनी कि जरूरत थी
फिर भी महज पांच हजार रुपए लेकर वो भारत आ गईं.