भूमि का चयन और तैयार करना धान हर प्रकार की जमीन चाहे वह रेतीली हो या चिकनी अथवा अम्लीय या क्षारीय हो, पर उगाया जा सकता है।
बिजाई का समय रोपाई द्वारा धान की खेती करने की दो मुख्य विधियां हैं - धान की रोपाई द्वारा खेती केवल अच्छी परिस्थितियों में होती है बीज का चयन केवल भारी बीजों को ही बिजाई के लिए लेना चाहिए।
बीज का उपचार पौध उगाना
पनीरी की बिजाई का समय रोपाई से 4 सप्ताह पहले पनीरी की बिजाई करनी चाहिए। निम्न समय पर पनीरी की बिजाई करें - लम्बी व बौनी किस्में : 20 मई - 7 जून बासमती किस्में: 15 मई - 30 मई
पौध का उखाड़ना पौध निकालने के एक दिन पहले नर्सरी में सिंचाई कर दें। पौध को बड़े ध्यान से निकालें ताकि जड़ों को नुकसान न हो।
रोपाई का ढंग 1) रोपाई को कतारों में लगाएं और केवल 3 सें.मी. गहराई तक लगाएं। 2) एक स्थान पर 2-3 पौध ही रोपें।
निराई-गुड़ाई व खरपतवार और नियंत्रण खेत में मल्च्च करने तथा सही जल प्रबंध द्वारा कई खरपतवार नष्ट हो जाते हैं
कटाई कटाई से 7-10 दिन पहले खेत से पानी निकाल दें।
फसल चक्र खंड-1 के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर जिलों में तथा सिरमौर, कांगड़ा, सोलन व चम्बा जिलों में जो पंजाब व हरियाणा के साथ लगते हैं
अनुमोदित किस्में पालम धान-957, हिमालय-2216, आर.पी.-2421, वी.एल. धान-221, कस्तूरी,
मृदा उर्वरकता प्रबंधन 5 टन प्रति हैक्टेयर की दर से कार्बनिक खाद लगाया जाता है