राजमा की विशेषताएं (Rajma Features) – राजमा को अपने गहरे लाल रंग के साथ दिखने में गुर्दे के आकार के लिए जाना जाता है.

– राजमा प्रोटीन(Protein) का एक अच्छा स्रोत है और यह मोलिब्डेनम का भी उत्कृष्ट स्रोत है. – इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर का अच्छा स्रोत होता है.

मिट्टी का चुनाव (Soil selection) इसे हल्की रेतीली से लेकर भारी मिट्टी में उगाया जा सकता है. राजमा की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी अच्छी होती है.

बुवाई का समय (Sowing Time) राजमा की खेती के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी-मार्च है और खरीफ मौसम के लिए मई-जून महीने के दौरान भी बोया जाता है.

राजमा की किस्में (Rajma Varieites) भारत में उगाई जाने वाली उच्च उपज देने वाली राजमा की किस्मों में आरबीएल 6, वीएल राजमा 125, एचयूआर 15, एचयूआर-137, एम्बर और अरुण हैं.

राजमा उगाने के लिए शुरुआती कदम (Beginners Steps to Grow Rajma) – सबसे पहले राजमा की बुवाई के लिए एक अच्छी जगह चुनें. 'ऐसी जगह का चयन करें, जहां हर दिन कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप मिलती हो. – यह अच्छी वनस्पति वृद्धि में मदद करेगा और कीटों और बीमारियों के जोखिम को कम करेगा.

– आपको अच्छी तरह से सुखी, ढीली मिट्टी की जरूरत है, जो कार्बनिक पदार्थों से भरपूर हो और जिसमे पीएच लेवल 0 से 7.0 हो.

– सफलता की संभावनाओं को अधिकतम करने के लिए, दो बीजों को एक-दूसरे के पास रोपें.

– बीज को 1-2 इंच गहरा बोएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पौधा जमीन में मजबूती से टिका रहेगा.

– खरपतवार को कम करने और मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करने के लिए गीली घास की एक परत रख दें.