जिस मोती की माला आप पहनते हैं, अब उसकी खेती हो रही है.
दुनियाभर में कई किसान इसकी खेती से मोटा पैसा कमा रहे हैं. चलिए जानते हैं भारत में ये कैसे हो रही है.v
मोती का इस्तेमाल आभूषण और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने में किया जाता है.
मोती, पानी के अंदर शीपनुमा ढांचे के भीतर बाहरी कणों के प्रवेश करने से तैयार होता है.
शीप में इसे तैयार होने में लगभग 14 महिने का समय लग जाता है.
अभी तक मोती को समुंद्र की गहराइयों से निकाला जाता था
जहां ये पूरी तरह प्राकृतिक रूप से तैयार होता था.
हालांकि, बाजार में मोती की बढ़ती मांग के कारण अब इसे तालाबों और टैंकों में तैयार किया जाने लगा है.
आमतौर पर मोती की खेती अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है.
मोती की खेती के लिये शुरुआती लागत लगभग 25000 रुपये आ जाता है. जिसमें किसान भाई 500 सीपियों की एक छोटी इकाई से मोती की खेती शुरू कर सकते है.