गूगल के इस डूडल में बोस को एक प्रयोग करते हुए दिखाया गया है।
बोस को अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ विद्युत चुम्बकीय विकिरण के गैस जैसे गुणों (gaslike qualities of electromagnetic radiation) के बारे में एक सिद्धांत विकसित करने में सहयोग के लिए जाना जाता है।
सत्येंद्र नाथ बोस का जन्म 1 जनवरी, 1894 को कोलकाता में हुआ था।
उन्हें 1920 के दशक की शुरुआत में क्वांटम यांत्रिकी पर अपने काम के लिए जाना जाता है।
वह रॉयल सोसाइटी के फेलो थे और 1954 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
वह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के सलाहकार भी थे, और बाद में रॉयल सोसाइटी के फेलो बन गए।
वह कई क्षेत्रों में रुचि रखते थे, जिसमें भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, खनिज विज्ञान, दर्शन, कला, साहित्य और संगीत शामिल हैं।
उन्होंने भारत में कई अनुसंधान और विकास समितियों में कार्य किया।
कोई भी कण जो आज बोस के आँकड़ों (Bose’s statistics) के अनुरूप है, बोसॉन के रूप में जाना जाता है।