फूल सभी को बहुत प्यारे लगते हैं और इनकी खुशबू भी.

आजकल इनकी मांग बहुत बढ़ती जा रही है और ऐसे में यदि फूल रजनीगंधा के हों तो क्या कहने.

बदली है परम्परागत सोच आजकल खेती के तौर तरीकों में बहुत बदलाव आया है.

क्यों बढ़ा है रजनीगंधा की खेती का चलन आजकल रजनीगंधा की खेती का चलन बढ़ा है.

कहां होती है खेती उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसान इन दिनों रजनीगंधा की खेती खूब कर रहे हैं.

खेती के लिए उपयुक्त दशाएं रजनीगंधा के फूलों की खेती के लिए खुला हवादार और ज्यादा प्रकाश वाला स्थान उपयुक्त होता है।

लागत आती है कम रजनीगंधा के फूलों की खेती करने का सबसे बड़ा फायदा यह है

इतने समय में आते हैं फूल रजनीगंधा के पौधों पर 4 से 5 महीनों में फूल आने प्रारंभ हो जाते हैं

एक हेक्टेयर में रजनीगंधा की खेती करने में जहां 1 से 2 लाख का खर्चा आता है

पहले साल में ही लगभग 90 से 100 क्विंटल फूल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्राप्त हो जाते हैं.