Draupadi Murmu देश के अगले राष्ट्रपति president का ऐलान कुछ ही देर में होने वाला है. देश के 31 मतदान केंद्रों पर हुई मतगणना के मतपत्रों की गिनती संसद भवन परिसर में चल रही है.
बहुत मुमकिन है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को विजेता घोषित किया जाएगा. जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी ने जश्न की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
द्रौपदी मुर्मू के जीतने पर वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति तो होंगी ही, इसी के साथ 5 रिकॉर्ड भी उनके नाम हो जाएंगे. आइए बताते हैं, ये रिकॉर्ड कौन-कौन से होंगे-
Draupadi Murmu (द्रौपदी मुर्मू) के राष्ट्रपति President बनते ही बनेंगे ये 5 रिकॉर्ड
पहला रिकॉर्ड यही है कि वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला नेता होंगी. मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में संथाल समुदाय के गरीब आदिवासी परिवार में हुआ है.
देश में अभी तक कोई आदिवासी न तो प्रधानमंत्री और न ही राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचा है. हालांकि देश को केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में 2 दलित राष्ट्रपति मिल चुके हैं.
दूसरा रिकॉर्डः द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली राष्ट्रपति होंगी, जो आजादी के बाद देश में पैदा हुईं. 1947 में देश को आजादी मिलने के करीब 11 साल बाद द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था.
देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं, वो सब 1947 से पहले पैदा हुए थे. मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से ऐसा पहली बार होगा, जब देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ऐसे व्यक्ति होंगे, जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है.
तीसरा रिकॉर्डः सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का खिताब भी मुर्मू के नाम हो जाएगा. देश में सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम है,
जो 1977 में निर्विरोध राष्ट्रपति बने थे. राष्ट्रपति पद संभालते वक्त रेड्डी की उम्र 64 साल, 2 महीने और 6 दिन थी.
वहीं, 20 जून 1958 को जन्मी द्रौपदी मुर्मू की उम्र 25 जुलाई 2022 को पद संभालने के समय 64 साल ,1 महीना और 8 दिन होगी.
चौथा रिकॉर्ड: ऐसा पहली बार होगा, जब किसी समय पार्षद रह चुका कोई व्यक्ति भारत में राष्ट्रपति पद तक पहुंचेगा.
द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत का पार्षद बनने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.
इसके तीन साल बाद 2000 में वह पहली बार विधायक बनीं. उन्होंने ओडिशा की बीजेडी-बीजेपी सरकार में दो बार मंत्री पद भी संभाला है.
पांचवां रिकॉर्डः द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ ही ओडिशा का नाम भी उन राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां के लोग देश में सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचे हैं.
अब तक राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे लोगों में से 7 दक्षिण भारत के रहे हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे.
द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और हमेशा वह भाजपा में ही रहीं.
1997 में मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष बनी थीं. 2002 से 2009 तक और फिर साल 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी काम किया.
वह बीजेपी के एसटी मोर्चा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रही हैं.द्रौपदी मुर्मू झारखंड में राज्यपाल बनने वाली पहली महिला थीं. वह 2015 से लेकर 2021 तक राज्यपाल रहीं.
वह ऐसी पहली उड़िया महिला और आदिवासी नेता थीं, जिसे भारत में किसी राज्य का गवर्नर नियुक्त किया गया और उन्होंने कार्यकाल पूरा किया
ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव में आदिवासी परिवार में जन्मीं मुर्मू का शुरुआती जीवन काफी संघर्षमय रहा.
तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से बीए पास किया. राजनीति में आने से पहले वह रायरंगपुर के अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में मानद सहायक शिक्षिका थीं.
वह सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में भी काम कर चुकी हैं. पति और दो बेटों को खोने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार आगे बढ़ती रहीं