Happy Navratri: हम सभी जानते है की हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है । इस बार नवरात्रि का त्यौहार 26 सितंबर, सोमवार से प्रारंभ है और 5 अक्टूबर , बुधवार तक चलेगी ।
माना जाता है की नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा को अपने घर में स्थापित करने और उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है ।इन 9 दिनों में लोगों मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति जलाते है जवारे बोए जाते है और मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते है।
यह भी पढ़े:- Krishna Janmashtami: आज पुरे भारत में धूम धाम से मनाया जायेंगा कृष्ण जी का 5249 वां जन्मोत्सव।
Happy Navratri: नवरात्रि में घट स्थापना
नवरात्रि पहले दिन लोग शुभ मुहुर्त में अपने घरों में घट स्थापना करते है घट स्थापना के लिए घट, यानी की मिट्टी के घड़े को धो लिया जाता है और और उसे घर के ईशान कोण में स्थापित किया जाता है और फिर उसके बाद एक पटे पर लाल रंग का कपड़ा बिछा कर ।
मां भगवती अर्थात मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति को सत्यापित करे , अब एक तांबे के लोटे में पानी भरकर उसके ऊपरी हिस्से में लाल मॉली बांधे और उसके अंदर एक सिक्का , कुछ चावल के दाने , एक पूजा की सुपाड़ी , दो लॉन्ग और दुर्बा घास डाले , अब कलश के ऊपर आम की टेरी या पत्ते और नारियल को एक लाल कपड़े में लपेट कर रखे ।
अब कलश पर फूल चढ़ाए और आस पर फूल से सजाए , इसके पश्चात अगरबती ,धूप जलाए और भोग में आपके पास जो भी उपलब्ध हो जैसे मिठाई, फल आदि उससे अर्पित करे उसके पश्चात पूजा करे ।
यह भी पढ़े:- New Car: इस नई कार के सामने अच्छी अच्छी कार पड़ गयी फीकी, जाने इसके बारे में
हम सभी जानते है की नवरात्री के 9 दिन 9 देवियों के दिन है पहले दिन अर्थात् प्रतिपदा, मां शैलपुत्री का दिन है, जो की राजा हिमालय शैल की पुत्री थी , इसलिए इनका नाम शैलपुत्री रखा गया, माता शैलपुत्री वृषभ पर विराजमान रहती है । दूसरा दिन माता ब्रह्मचारणी का दिन है ,
कहा जाता है की माता ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तप किया था इसलिए इनका नाम ब्रह्मचरणी पड़ा । तृतीया दिन माता चंद्रघंटा का दिन है ,माता में भगवान शंकर , भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा तीनो को शक्तियां समाहित है और इसके शीश पर आधा चंद्र विराजमान है इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा ।
चतुर्थी दिन माता कुष्मांडा का है कहा जाता है की जब पूरे ब्रह्मांड में अंधेरा छा गया था तब माता की ऊर्जा से ही सृष्टि का निर्माण हुआ इसलिए इनका नाम माता कुष्मांडा पड़ा । ,पंचमी दिन माता स्कंदमाता ,षष्ठी दिन माता कात्यायनी ,सप्तमी दिन माता कालरात्रि, अष्टमी दिन माता महागौरी ,नवमी दिन माता सिद्धिदात्री का होता है । दशमी दिन मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन किया जाता है और रावण के वध के उपलक्ष में दशहरा मनाया जाता है ।
यह भी पढ़े:- Keeway ने 300cc वाली एक और नए सेगमेंट वाली बाइक की लांच, जाने इसके फीचर्स।