Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं. उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग और कैमिकल फ्री फार्मिंग को बढ़ावा देने की बात कही.
साथ ही किसानों के खेत के असेसमेंट के साथ-साथ न्यूट्रिएंट और कीटनाशक के छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करने की बात भी कही.
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उन्होनें कहा कि आने वाले दिनों में कैमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को प्रमोट किया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि पहले चरण में गंगा किनारे की किसानों की जमीन 5 किलोमीटर के कोरिडोर को पहले चरण में चुना जाएगा.
ऑयल सीड का आयात घटाने की दिशा में काम करते हुए घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने किसानों तक तकनीक पहुंचाने की दिशा में भी काम करने की घोषणा की.
Budget 2022 किसानों को हाईटेक तकनीक से जोड़ने पर फोकस
वित्त मंत्री ने किसानों तक तकनीक पहुंचाने की दिशा में भी काम करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत स्कीम लाई जाएंगी, जिससे किसानों तक डिजिटल और हाईटेक तकनीक पहुंचाई जाएगी.
यहां तक कि किसानों की खेती के असेसमेंट के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी. साथ ही ड्रोन के जरिए न्यूट्रिएंट और कीटनाशक के छिड़काव को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
निर्मला सीतारमण Budget 2022 ने कहा कि राज्यों को एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटीज को रिवाइव करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिग फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.
इतना ही नहीं, नाबार्ड के जरिए एग्रिकल्चर से जुड़े स्टार्टअप और रूरल एंटरप्राइज को फाइनेंस किया जाएगा, जो खेती से जुड़े होंगे.
किसानों की आय दोगुनी करने पर चर्चा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमाम घोषणाएं करने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही.
उन्होंने कहा कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य पर अभी भी कायम है. पीएम मोदी ने 4 करोड़ से अधिक किसानों और महिलाओं को सीधे नकद राशि मुहैया कराई है.
जानिए पिछले बजट में क्या था खास
फरवरी 2021 के बजट Budget 2022 पर किसानों की खास नजर थी, क्योंकि उस वक्त किसान कानून के खिलाफ करीब दो महीने से तमाम किसान प्रदर्शन कर रहे थे.
हालांकि, तब किसानों को कोई बड़ी राहत नहीं मिली था, सिवाय आश्वासन के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.
फरवरी 2020 में 15 लाख करोड़ रुपये की घोषणा हुई थी, जिसे फरवरी 2021 में मामूली बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया.
साथ ही कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करने की घोषणा हुई थी.