Advanced Technology: जय जवान, जय किसान के बाद जय विज्ञान के नारे को आगे बढ़ाते हुए भोपाल स्थित लक्ष्मी नारायण कालेज आफ टेक्नोलाजी (एलएनसीटी) में एक मैकेनिकल रिसर्च क्लब नवोन्मेष पर काम कर रहा है।
इस क्रम में क्लब से जुड़े विज्ञानियों ने कृषि क्षेत्र में पहले से प्रयोग हो रहे सोलर ड्रायर को ‘ग्रीन हाउस सोलर एयर ड्रायर’ में बदल दिया है। इसकी मदद से किसान फसलें सुखाकर न सिर्फ उन्हें कीट व चूहों आदि से बचा सकते हैं, बल्कि अन्य मौसम के लिए उनका भंडारण कर अच्छा लाभ भी अर्जित कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशन : टीम ने खारे पानी को पीने योग्य बनाने में काम आने वाले सौर उपकरण में भी अहम बदलाव कर उसे और सक्षम बनाया है। रिसर्च क्लब के नवोन्मेषों से जुड़े छह शोधपत्र एल्सव्हेयर (नीदरलैंड) और अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं।
Advanced Technology: ऐसे बढ़ाई क्षमता-
रिसर्च टीम ने फसल को ‘ग्रीन हाउस सोलर एयर ड्रायर’ में रखा और इसे ‘डबल पास स्टोरेज टाइप सोलर एयर हीटर’ से जोड़ दिया। रिसर्च क्लब के संयोजक डा. अनिल सिंह यादव बताते हैं कि ग्रीन हाउस पालीकार्बोनेट शीट से बना है, जो उष्मीय विकिरणों को अंदर जाने देती है और गर्मी बनाए रखती है।
ड्रायर में लगी सोलर प्लेट धूप से गर्म होती है और अपने संपर्क में आई हवा को गर्म कर पाइप के माध्यम से ग्रीन हाउस में भेजती है। आमतौर पर हीटर में गर्म हवा को भेजने के लिए सिंगल पाइप लगाते हैं। एलएनसीटी की रिसर्च टीम ने उसके समानांतर एक और पाइप लगाया है।
इस तरह ग्रीन हाउस में रखी फसल को दो तरफ से गर्म हवा मिलती है, जो उसे जल्दी और सभी तरफ से समान सुखाती है। इसके साथ ही टीम ने सोलर हीटर में आर्टिफिशियल रफनेस (कृत्रिम खुरदुरापन) भी बढ़ाई। सतह को खुरदरा करने से प्रवाह में विक्षोभ बढ़ने से उष्मा हस्तांतरण क्षमता बढ़ जाती है।
साधारण ड्रायर अधिक कारगर नहीं :
किसानों द्वारा पहले से प्रयोग किए जा रहे सोलर ड्रायर साधारण तकनीक पर काम करते हैं, जो अधिक कारगर नहीं हैं। इस तकनीक को एलएनसीटी के विज्ञानियों व शोधार्थियों की टीम ने समृद्ध किया है। इस टीम का मार्गदर्शन डा. अनिल सिंह यादव, डा. नवीन अग्रवाल एवं डा. विपिन श्रीवास्तव ने किया है।
इसलिए किसान सुखाते हैं फसल
फसलों की कटाई के बाद सबसे जरूरी काम अनाज भंडारण होता है। आमतौर पर किसान फसल को धूप में सुखाते हैं। इसमें फसल की ऊपरी सतह सूख जाती है और नीचे दबी फसल में नमी रह जाती है।
इसके अलावा चूहे, कीड़े, नमी, फफूंद, गंदगी आदि से 10 से 15 फीसद फसल नष्ट हो जाती है। इस स्थिति में किसानों की मदद यह सौर तकनीक करती है, ताकि फसल को भंडारण के लिए जल्द और सही तरीके से सुखाया जा सके। ग्रीन हाउस सोलर एयर ड्रायर की मदद से किसान अंगूर, मटर, करेला, गोभी, पत्ता गोभी आदि एक दिन में सूखा सकते हैं।
आलू के चिप्स और पापड़ सुखाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
सोलर वाटर स्टिल को भी किया संशोधित
तटीय इलाकों में खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिए आमतौर पर पारंपरिक ‘सोलर वाटर स्टिल’ का उपयोग किया जाता है। एलएनसीटी के रिसर्च क्लब की टीम ने इसे भी उन्नत किया है।
टीम ने इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें ऊपर की ओर रिफ्लेक्टर ग्लास जोड़ा है, जिसकी वजह से इस संशोधित सोलर वाटर स्टिल में अधिक मात्रा में पानी साफ किया जा सकता है। यह काले रंग का बक्सा होता है, जिसमें खारा पानी डाला जाता है।
इस पानी को कांच के माध्यम से सूर्य के प्रकाश में वाष्पित करते हैं, जो भाप के रूप में कांच में जमता है। इस भाप रूपी पानी को एकत्रित करते हैं, जिसका परिणाम शुद्ध पेयजल होता है।