Big news about wheat, demand increased abroad– मध्य प्रदेश से अब तक गेहूँ का निर्यात ढाई लाख टन से ऊपर पहुंच गया है। गेहूँ का निर्यात किस स्तर पर बना है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष मध्य प्रदेश से गेहूँ का निर्यात पौने दो लाख टन था, वही इस वर्ष यह ढाई लाख से ऊपर पहुंच चुका है।
एमपी का गेहूं गुजरात और आंध्रप्रदेश के बंदरगाहों से बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम भेजा जा रहा है। इंदौर उज्जैन भोपाल जबलपुर हरदा छिंदवाड़ा दतिया जिलों से सर्वाधिक गेहूं निर्यात हो रहा है।
गेहूं का निर्यात बढ़ते ही मंडियों में भी आवाक तेज हो गई है, वहीं भाव में भी उछाल आया इधर प्रदेश सरकार गेहूं निर्यात के लिए लगातार प्रयास करती जा रही है। प्रदेश सरकार मिस्र, फिलीपिंस, जिम्बाब्वे सहित अन्य देशों में भी निर्यात की संभावनाओं पर काम कर रही है।
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प्रदेश सरकार गेहूँ निर्यात पर जोर दे रही (Big news about wheat, demand increased abroad)
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विदेश में बढ़ रही गेहूं की मांग को बड़ा अवसर मानते हुए प्रदेश सरकार ने निर्यात बढ़ाने पर पूरा जोर लगा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। वे प्रति सप्ताह निर्यात की स्थिति को लेकर समीक्षा करते हैं तो कृषि विभाग ने प्रतिदिन निर्यातक और व्यापारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था बनाई है।
इसका फायदा भी मिल रहा है। अब तक ढाई लाख टन गेहूं मध्य प्रदेश से निर्यात हो चुका है। सरकार का मकसद है कि मध्य प्रदेश के गेहूं की मांग विदेश में बन जाए, जिससे निर्यात का रास्ता हमेशा के लिए खुल जाएगा।
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गेहूँ का निर्यात: किसान एवं सरकार दोनों को लाभ
गेहूं निर्यात से सरकार एवं किसानों दोनों को लाभ है किसानों को उपज का अच्छा भाव मिलेगा वहीं निर्यात से सरकार को भी अतिरिक्त आमदनी होगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब तक बड़ी कंपनियां मंडियों से गेहूं खरीदकर अपने स्तर पर निर्यात करती थीं।
पहली बार सरकार अपने स्तर पर इसे प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए मंडी शुल्क में छूट देने के साथ रेलवे की रैक और बंदरगाहों पर स्थान उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराई गई है।
26 लाख टन गेहूं के लिए रैक पाइंट पर भंडारण की व्यवस्था बनाई जा चुकी है। अभी तक 87 रैक गेहूं बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, विएतनाम भेजा जा चुका है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि निर्यात के लिए विभिन्न् कंपनियों ने दो हजार से ज्यादा रेलवे रैक के लिए मांग पत्र भेजे हैं। दक्षिण अफ्रीका, मोजांबिक और जिम्बाब्वे के आयोजकों को गेहूं के लागत पत्रक भी भेज दिए हैं।
निर्यात संबंधी समस्या के निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर
सरकार ने निर्यातकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002333474 जारी किया है। इस पर फोन करके वे एक्सपोर्ट लायसेंस सहित अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यातकों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
गेहूं उपज विक्रय के स्लॉट बुकिंग की तारीख बढ़ी
Big news about wheat, demand increased abroad-मध्य प्रदेश के किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने की बजाय मंडियों में गेहूं बेच रहे हैं यही कारण है कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर औसत खरीदी ही होगी सरकार ने दूसरी बार समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए स्लॉट बुकिंग की तारीख को बढ़ा दिया है।
किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय हेतु 30 अप्रैल 2022 तक आगामी तिथियों में (10 मई 2022 तक) अपनी गेहूं की उपज विक्रय हेतु इच्छित दिनांक का स्लॉट बुक करा सकते हैं।
पंजीकृत किसान को www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुकिंग कर उपार्जन केन्द्र एवं दिनांक का चयन करने की सुविधा दी गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि किसान भाई गेहूं विक्रय हेतु स्लॉंट बुकिंग अब 30 अप्रैल तक करवा सकते हैं।