Gehu: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते दुनिया भर में गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. भारत में ज्यादा गेहूं का स्टॉक होने की खबर ने इन कीमतों पर फिलहाल रोक लगा दी है.
जानकारी के लिए बता दे कि भारत में वर्तमान में निर्यात किए गए गेहूं के 1.2 करोड़ टन का भंडार है.और इस साल भारत दुनिया के उन देशों को गेहूं का निर्यात करेगा, जो पहले रूस और यूक्रेन से गेहूं का आयात करते थे. इनमें मिस्र देश भी शामिल है, जो विश्व मे गेहूं का प्रमुख आयातक है.
दुनिया भर के खाद्य विशेषज्ञों का मानना है कि रूसी-यूक्रेनी युद्ध, अकाल और बढ़ती वैश्विक मांग के परिणामस्वरूप खाद्य कीमतों में काफी तेजी से वृद्धि हुई है.
शिकागो में बेंचमार्क गेहूं की कीमत पिछले महीने अकेले 13,635 डॉलर प्रति बस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी . भारत को गेहूं के निर्यात से विश्व बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ेगी. ऐसी खबरों ने महंगाई को रोक दिया है.
अब मिस्र को गेहूं Gehu निर्यात करेगा भारत
भारत के सबसे बड़े गेहूं खुदरा विक्रेता मिस्र से गेहूं के निर्यात को लेकर बातचीत लगभग अंतिम दौर मे आ चुकी है. इसके अलावा चीन, तुर्की, बोस्निया, सूडान, नाइजीरिया और ईरान भी भारत से गेहूं हासिल करने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं.
पिछले दस महीनों में ही भारतीय गेहूं का निर्यात चार गुना बढ़ गया है. आज की बदलती दुनिया में, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को छोड़कर, भारत के पास अब अफ्रीका और मध्य पूर्व क्षेत्र में गेहूं निर्यात करने के कई सारे अवसर होंगे.
अब पूरी दुनिया को राहत देगा भारत
लाइव मिंट के लेख के अनुसार ,सिंगापुर निर्यात अनाज कंपनी एग्रीकूप इंटरनेशनल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय अयंगर का वर्तमान स्थिति को लेकर कहना है कि भारत को गेहूं के निर्यात से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की आपूर्ति सामान्य होगी. वर्तमान में आपूर्ति बहुत कम है. अयंगर का कहना है कि भारत में गेहूं के निर्यात की संभावनाओं ने मूल्य सीमा निर्धारित की है.
यदि भारत गेहूं का निर्यात नहीं करता है, तो गेहूं की कीमत में अवश्य ही भारी वृद्धि होगी.
अयंगर का कहना है कि अब स्थिति यह है कि सभी आयातक भारत से गेहूं आयात करने पर लगातार विचार कर रहे हैं.
अयंगर ने यह भी कहा कि भारतीय गेहूं की लोकप्रियता इससे जाहिर होती है, और पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया.
जानकारी के लिए बता दे कि भारत चीन के बाद दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. ब्लूमबर्ग के एक अध्ययन के अनुसार, भारत के पास 2022-23 तक 1.2 करोड़ टन गेहूं का निर्यात होने कि संभावना है. अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, भारत ने पिछले 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए 85 लाख टन गेहूं का निर्यात किया.
घटती आपूर्ति और गेहूं की बढ़ती कीमतों के साथ, कई देश पहली बार भारत में गेहूं का आयात करेंगे. और पिछले पांच बढ़ते मौसमों के दौरान भारत में रिकॉर्ड गेहूं का उत्पादन हुआ.
नतीजतन, भारत के पास निर्यात करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है. तब तक गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी थी. इस मामले में भी अभिलेखों का उत्पादन सीमित ही है.