Gram Varieties: चने की खेती करना अब शुरू हो जायेंगा माना जाता है की चने की खेती (Gram Farming) करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवम्बर तक का होता है जिसके साथ ही इसमें कई तरह की सावधानिया देखनी होती है और बात करे इसके बिज की तो यह अच्छे और अधिक पैदावार देने वाले होने चाइये जिसके चलते इसमें अधिक अच्छी फसल हो सके।
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चने की खेती gram cultivation के लिए पहले अच्छी मिट्टी का चयन करना चाइये अधिकतर दोमट और बुलई मिटटी में इसकी खेती करते है आपको बता दे की चने के पौधे से लेकर बीज के छिलको तक सभी का इस्तेमाल किया जाता है चने के छोटे पौधो को सरसो का साग लगाकर सब्जी के रूप में खाया जाता है और चने की दाल और भी अन्य चीजो में इस्तेमाल होता है और इसके निकले छिलकों को जानवरो को खिलाया जाता है जो बड़े ही चाव से खाते है इस तरह से इसकी आधी डिमांड होती है।
आइये जानते है चने की कौन कौन सी उन्नत किस्मे है।
देशभर में कई तरह की उन्नत किस्मों को बोया जाता है जिसमे सबसे अधिक चने की खेती मध्यप्रदेश में ही की जाती है कृषि विशेषज्ञ चने की किस्मे आरएसजी 888, आरएसजी 963, आरएसजी 963, आरएसजी 973 ,जीएनजी 1581 (गणगौर), जीएनजी 1958(मरुधर), जीएनजी 663, जीएनजी 469, आरएसजी 986 को श्रेष्ठ किस्मे मानी जाती हैं।
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यदि आप देरी से बुवाई करते है तो देरी से बुवाई के लिए जीएनजी 1488, आरएसजी 974, आरएसजी 902, आरएसजी 945 प्रमुख हैं. इसके अतिरिक्त राधे, उज्जैन, वैभव भी देशी चना की उन्नत किस्में मानी जाती हैं। इस फसल को तैयार होने में 100 से 120 दिन तक का समय लगता है।
काबुली चने की उन्नत किस्मे
काबुली चने में भी कई तरह की किस्मे होती है बहुत से किसानो को इसके बारे में अधिक जानकारी नही होती है इसमें एल500, सी-104, काक-2, जेजीके-2, मैक्सिकन बोल्ड को काबुली चने की प्रमुख किस्म मानते हैं. यह किस्में एक हेक्टेयर में यह 10-13 क्विंटल पैदावार देतीं हैं। जो यह सभी किस्मों को आप नजदीकी बिज भंडार में जाकर खरीद सकते है ।