Indore News: शहर को स्मार्ट बनाने की योजना बनाते समय शहर के एक इंजीनियर ने एक ऐसा आइडिया सोचा जो एक बड़ी परेशानी को कम कर देगा।
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भीड़ भरे बाजारों में पार्किंग नहीं होने से बड़ी समस्या बनी रहती है। चार पहिया वाहनों के लिए तो कई जगहों पर पार्किंग बन गए हैं लेकिन दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग कम है और इसे बनाने में भी काफी जगह और बजट लग जाता है।
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इस परेशानी को दूर करने के लिए विजन पार्क मशीनरी स्टार्टअप के संचालक विकास जैन ने ऐसा स्ट्रक्चर तैयार किया जो Indore News इंदौर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को पसंद आया और शहर के दो स्थानों पर दो पहिया मैकेनिकल पार्किंग तैयार करने का काम दे दिया।
मल्हारगंज रोड पर पुलिस थाने के पास एक हजार वर्गफीट में एक पार्किंग बनाई जा रही है जिसमें 225 वाहन खड़े हो सकते हैं।
दूसरी पार्किंग संजय सेतू पर है जहां 400 वर्गफीट में 64 वाहन खड़े किए जा रहे हैं। यह दो पार्किंग बनाने में करीब 2.5 करोड़ की लागत आई है। क्लाथ मार्केट में भी पार्किंग बनाने का काम किया जा रहा है।
भारत की यह पहली दो पहिया आटोमेटिक पार्किंग है। अब इसे अन्य शहरों तक ले जाने के लिए स्टार्टअप को 50 लाख रुपये की फंडिंग मिली है।
शहर के दो दोस्त जिन्होंने साथ में स्कूल किया। एसजीएसआइटीएस से साथ में इंजीनियरिंग भी की और इंफोसिस में दोनों ने साथ में काम भी किया।
12 वर्ष तक आइटी क्षेत्र का अनुभव लेने के बाद अमेरिका के मेडिकल क्षेत्र के लिए कोडिंग तैयार करने की शुरुआत Indore News इंदौर में 2017 में की। अनोवा नाम से संचालित हो रहे स्टार्टअप के तहत मेडिकल कोडिंग के साथ ही डिजिटल रूप में सर्विसेस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट आधारित सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
स्टार्टअप को कुछ दिन पहले 3.3 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली।
फाउंडर अमित जैन और सीईओ विकास दुबे ने मात्र तीन लोगों से शुरुआत की थी। केवल पांच वर्ष में स्टार्टअप में 550 युवा काम कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि अमेरिका में 85 प्रतिशत लोगों का बीमा होता है।
इसके चलते वहां बीमा कंपनियां, अस्पतालों, दवाई कंपनियां और कई क्षेत्रों में बड़े स्तर पर विभिन्न तरह के डेटा तैयार करने होते हैं। इसमें वे मदद करते हैं। स्टार्टअप की शुरुआत 9 से 10 लाख रुपये लगाकर की गई थी।
दोनों का कहना है कि अमेरिका की तरह भारत में भी मेडिकल सेवाओं के प्रति कोरोना महामारी के बाद रूझान बढ़ा है। इसके चलते यहां भी बड़े स्तर पर आने वाले वर्षों में डेटा की जरूरत पड़ेगी।