OPINION: MP में अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज को टैक्स फ्री कर दिया गया है. एक ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर बनी फिल्म को हमने टैक्स फ्री किया है,
ताकि अधिक से अधिक युवा उसे देखें और उनके मन में मातृभूमि के प्रति अधिक प्रेम जागृत हो. अक्षय कुमार ने तत्काल शुक्रिया वाला ट्वीट करते हुए लिखा कि
आपका ये निर्णय भारत के एक महान योद्धा की अद्भुत कहानी और भी लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा. सम्राट पृथ्वीराज की पूरी टीम की ओर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
इसमें कोई दो राय नहीं कि Samrat Prithviraj चौहान की कहानी बहुत लोगों के लिए बहुत प्रेरणा की वज़ह है और इस फिल्म को लेकर जिज्ञासा भी लोगों के मन में बहुत है.
लोगों ने इतना पढ़ा है सम्राट पृथ्वीराज के बारे में कि वे जानना चाहते हैं कि इसमें कैसे फिल्माया गया होगा वो प्रसंग, जब सम्राट पृथ्वीराज ने संयोगिता के स्वयंवर में न बुलाए जाने पर भी उनसे शादी की होगी.
मुस्लिम आक्रान्ता और बुतशिकन मोहम्मद गौरी के साथ सम्राट पृथ्वीराज के तराइन के युद्ध को बड़े परदे पर कैसे फ़िल्माया गया होगा. चंदबरदाई की भूमिका इसमें कैसे अभिनीत की गई होगी.
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शायद पृथ्वीराज की वो ख्याति इतिहास में नहीं होती यदि वे Samrat Prithviraj रासो न लिख गए होते.
सबसे दिलचस्प ये है कि बहुत सारे मुहावरे जो आज तक हर आम और ख़ास इस्तेमाल करता है, वो इसी नायक की पृष्ठभूमि से निकले हैं.
किसी क़रीबी के साजिश करने पर जो उपमा ‘जयचंद’ की इस्तेमाल होती है, वो पृथ्वीराज के ससुर थे और उन्होंने ही पृथ्वीराज के ख़िलाफ़ सबसे ज्यादा षड्यंत्र किए थे. कालान्तर में जयचंद शब्द ही साजिश का पर्याय बन गया.
इसके अलावा किसी अवसर को तत्काल लपक लेने के लिए प्रयुक्त होने वाला मुहावरा ‘मत चूको चौहान’ भी इसी महान नायक पृथ्वीराज के लिए चंदबरदाई ने लिखा था-
‘चार बांस, चौबीस गज़, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूको चौहान’, लोगों को कथाओं में वर्णित Samrat Prithviraj की बेटी बेला और उनकी रिश्ते की बहन कल्याणी की कहानी भी देखने की जिज्ञासा होगी.
जिनके बारे में कहा जाता है कि पृथ्वीराज के निधन के बाद जब हरम लूट कर ले जाया गया तो उन किशोरियों को भी गज़नी ले जाया गया.
वहां किसी बुजुर्ग मौलवी ने उनसे विवाह करना चाहा और किस बुद्धिमत्ता से उन्होंने उस मौलवी का क़त्ल किया और ख़ुद भी ज़हर बुझे तीर ख़ुद को मारकर अपनी जान दे दी.
कुलमिलाकर वीर योद्धाओं की कहानियां दर्शकों को आकर्षित करती हैं. शिवराज जनता की और सियासत दोनों की नब्ज बेहतर समझते हैं.
उन्हें इतने सालों तक मुख्यमंत्री रहने के कारण ये कला बखूबी आती है कि एक तीर एक साथ कितने निशानों को भेद सकता है. पृथ्वीराज फिल्म की टीम भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लगातार मिल रही है.
मुलाक़ात के ट्वीट भी हो रहे हैं. ज़ाहिर है फिल्म को लेकर सबसे पहले टैक्स फ्री करने का निर्णय लेकर अपनी ही पार्टी की सरकारों की तुलना में शिवराज बढ़त ले चुके हैं.
दूसरा, जनता चूंकि जैसा मैंने ऊपर लिखा कि फिल्म को लेकर बहुत जिज्ञासु है लेकिन थियेटर के बढे हुए बजट के कारण शायद जाने से झिझकती, वो टैक्स फ्री होने के कारण थियेटर की तरफ लपकेगी और ज़ाहिर है
इसमें जनता के दिमाग़ में भी पैबस्त होगा कि शिवराज ने फिल्म टैक्स फ्री कराई है. यानी पब्लिक कनेक्ट का फ़ायदा. तीसरी और अंतिम वज़ह ये है कि अक्षय कुमार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबियों में पहले ही शुमार हैं.
वे एमपी में सिर्फ शूटिंग के लिए नहीं आते हैं बल्कि कई बार एमपी सरकार के अच्छे निर्णयों को लेकर सराहना वाले ट्वीट भी करते हैं.
ज़ाहिर है कि ये सारी वज़हें मिलकर फ़िल्म को अधिकाधिक लोगों तक लेकर जाएंगीं. वैसे इस निर्णय से फ़ायदा दर्शकों का होगा क्यूंकि फिल्म चर्चा में तो है और लोग इसे देखने के उत्सुक भी हैं.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए THE HIND MEDIA किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)