PM Kisan eKYC – How To Complete eKYC: पीएम किसान की अगली या 11वीं किस्त 1 अप्रैल 2022 के बाद कभी भी यह आपके खाते में गिर सकती है, लेकिन अगर आपने e-KYC नहीं पूरी की है तो 2000 रुपये की किस्त लटक सकती है। यह खबर 12.53 करोड़ किसानों के लिए बेहद जरूरी है।
बता दें पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवाईसी PM Kisan eKYC शुरू हो गई है और बेहद आसानी से आप अपने घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से कर सकते हैं। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत भी नहीं है। इसलिए अगर आपको अगली किस्त बिना किसी रुकावट के पाना है तो 31 मई तक इसे जरूर पूरा कर लें।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसान अब 31 मई तक ई-केवाईसी करवा सकेंगे, जिसके लिए पहले 31 मार्च अंतिम तारीख तय की गई थी, जिसकी पुष्टि कृषि विभाग ने की है।
PM Kisan eKYC
STEP 1: इसके लिए सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन के ब्राउजर जैसे क्रोम के आइकान पर टैप करें और वहां pmkisan.gov.in टाइप करें। अब आपको पीएम किसान पोर्टल का होमपेज मिलेगा इसके नीचे जाएं और आपको e-KYC लिखा मिलेगा। इसको टैप करें और आप अपना आधार नंबर डालकर सर्च बटन पर टैप करें।
STEP 2: अब इसमें AADHAAR से लिंक मोबाइल नंबर डालें । इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर 4 अंकों का ओटीपी आएगा। इसे दिए गए बाक्स में टाइप करें।
STEP 3: इसके बाद एक बार फिर आपसे आधार आथंटिकेशन के लिए बटन को टैप करने को कहेगा। इसे टैप करें और अब 6 अंकों का एक और ओटीपी आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे भरें और सबमिट पर टैप करें।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो eKYC पूरी हो जाएगी वरना Invalid लिख कर आएगा। अगर ऐसा हुआ तो आपकी किस्त लटक सकती है। आप आधार सेवा केंद्र पर इसे ठीक करा सकते हैं। अगर आपका eKYC पहले से ही पूरा हो चुका है तो eKYC is already done का मैसेज दिखेगा।
बता दें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश में 12 करोड़ अधिक किसान रजिस्टर्ड PM Kisan eKYC हैं। इनमें से किस्तवार लाभार्थी किसानों की संख्या निम्न है, जिनके खातों में 2000 की रकम पहुंच चुकी है।
11वीं किस्त रामनवमी से पहले आ सकती है
इस योजना के तहत हर वित्त वर्ष में मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये 2000-2000 की तीन किस्तों में देती है। इसके तहत हर साल की पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है।
बता दें पीएमम किसान सम्मान निधि स्कीम मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को शुरू किया था और यह एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावित हो गया था।