Multai today news: मुलताई नगर के मंगलवार बाजार में गुरुवार को कांग्रेस की जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। जिसमें उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुड़ पाई। जिसका कारण बारिश बताया गया। हालांकि सभी जानते है की वर्तमान में राजनीतिक कार्यक्रमों से लोग दूरी बनाते हुए दिख रहे है। यह भी रोचक विषय है कि कांग्रेस की कोई भी रैली या कार्यक्रम मुलताई शहर में गुरुवार के दिन ही आयोजित किया जाता है।
खैर कार्यक्रम संपन्न हुआ लेकिन कार्यक्रम के बाद मंगलवार बाजार सभा स्थल पर भारी मात्रा में कचरा फैला हुआ दिखाई दिया। जिस पर गायत्री परिवार के रामदास देशमुख ने बताया कि यह प्लास्टिक पूर्णत प्रतिबंधित क्षेत्र अंतर्गत आता है। जहां पर दिन में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा का कार्यक्रम संपन्न हुआ, वहीं पर प्लास्टिक की पन्नियां और डिस्पोजल भारी मात्रा में पड़े हुए दिखाई दिए। जिस पर नगरवासियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।
बड़े मैदान की जगह छोटे स्थान बने पार्टियों की पसंद
नवंबर के माह में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जिसकी शासन प्रशासन जोर-जोर से तैयारी करने में जुटा है। अधिक से अधिक मतदान संभव हो सके, इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
वहीं राजनीतिक दल भी चुनावी आचार संहिता लगने के पहले ही अपनी तैयारी करने में लग चुके हैं। जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मी बढ़ते जा रही है, वैसे-वैसे आम मतदाता का चुनावी रैलियां से मोह भंग होते दिखाई दे रहा है, जो आश्चर्य जनक है।
दोनों ही प्रमुख दलों के कार्यकर्ताओं एवम् मतदाताओं से हुई चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि जहां पहले छोटे-छोटे ग्राउंड यूं ही कार्यक्रम के आयोजनों में भर जाया करते थे, आज उन्ही ग्राउंड में आधे स्थान पर मंच लगाकर बाकी का स्थान कुर्सियों से भरा जा रहा है। रैली करने के लिए बड़े-बड़े नेता क्षेत्र में आ रहे हैं, लेकिन कार्यक्रम स्थल छोटे होते जा रहे हैं।
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मुलताई नगर का सबसे बड़ा खेल मैदान हाई स्कूल ग्राउंड चुनावी दौर में रेलियो और विशाल कार्यक्रमों के आयोजन का गवाह बनता था। लेकिन वर्तमान समय में यह हाई स्कूल ग्राउंड सुनसान दिखाई दे रहा है।
मतदाताओ में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि जहां चुनावी सरगर्मी बढ़ते जा रही है वहीं शायद हाई स्कूल ग्राउंड का साइज भी बढ़ता जा रहा है, इसीलिए इसे भरपाना संभव नहीं दिखाई देता और कहीं हमारी रैली किसी दूसरे की रैली से छोटी ना दिखाई दे इसलिए इस बड़े मैदान की जगह छोटे स्थान का चयन कर कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है।
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क्षेत्र के कुछ जागरूक मतदाताओं ने बताया कि अब पहले जैसा चुनावी दौरा नहीं रहा, जब बड़ी-बड़ी रैलियां भारी भीड़ के साथ में हुआ करती थी। अब सोशल मीडिया का डिजिटल जमाना है। जहां पर बिना भीड़ के और बिना किसी साधन संसाधन के भी विशाल रेलियो का आयोजन किया जा रहा है और मतदाता भी जागरूक हो चुके हैं। वे भारी भीड़ और रैलियां को देखकर अपना मत नहीं बदलते।