Sawan Somwar Vrat 2022: सावन का पहला सोमवार व्रत आज है. पहले सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) पर रवि योग और शोभन योग का सुंदर संयोग बना है.
आज सुबह 08:54 बजे तक शिववास भी है. इस समय तक भगवान शिव नंदी पर विराजमान रहेंगे. इस समय में रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता है.
सावन सोमवार का व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सभी श्रेष्ठ व्रतों में से एक है. इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ति होती है.
योग्य जीवनसाथी की मनोकामना भी पूर्ण होती है क्योंकि माता पार्वती ने कठोर तप और व्रत से भगवान शिव (Lord Shiva) को पति स्वरूप में प्राप्त किया था.
अविवाहित कन्याएं और सुहागन महिलाएं सावन सोमवार व्रत विशेष तौर पर रखती हैं. पुरुष भी अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए यह व्रत रखते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सावन सोमवार व्रत के मुहूर्त, योग और पूजा विधि के बारे में.
Sawan Somwar Vrat 2022
सावन सोमवार व्रत 2022 मुहूर्त एवं योग
सावन कृष्ण षष्ठी तिथि का प्रारंभ: 17 जुलाई, रविवार, रात 11 बजकर 24 मिनट से
सावन कृष्ण षष्ठी तिथि का समापन: 18 जुलाई, सोमवार, रात 10 बजकर 19 मिनट पर
सावन सोमवार के दिन कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है.
रवि योग: आज दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से कल सुबह 05 बजकर 35 मिनट तक
शोभन योग: आज प्रात:काल से दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक
दिन का शुभ समय: दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक
शिव पूजा का समय
प्रात:काल से शोभन योग और दोपहर से रवि योग प्रारंभ हो रहा है. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं.
इसे देखते हुए आप सावन सोमवार व्रत की पूजा सुबह से कर सकते हैं. हालांकि शिव पूजा के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता मात्र एक औपचारिकता है.
सावन सोमवार व्रत एवं पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें. उसके पश्चात हाथ में जल, फूल और अक्षत् लेकर सावन सोमवार व्रत एवं शिव पूजा का संकल्प करें.
2. इसके बाद किसी शिव मंदिर में शिवलिंग या फिर घर पर ही भगवान शिव की पूजा करें. सबसे पहले भगवान शिव का जलाभिषेक करें. गंगाजल से उनका स्नान करें.
3. फिर सफेद चंदन, वस्त्र, अक्षत्, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, मदार के फूल, सफेद फूल, फूलों की माला आदि से महादेव का श्रृंगार करें. धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें.
4. अब शहद, शक्कर, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें.
5. फिर शिव चालीसा का पाठ करें. सावन सोमवार व्रत कथा को सुनें या फिर पढ़ें. घी के दीपक से भगवान शिव का विधि विधान से आरती करें.
6. अंत में भगवान शिव से पूजा में हुई गलतियों और कमियों के लिए क्षमा मांग लें. फिर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.
7. दिनभर फलाहार पर व्यतीत करें. शिव भक्ति में समय दें और संध्या आरती करें. रात्रि जागरण करें.
अगली सुबह स्नान के बाद शिव पूजन करें. उसके पश्चात किसी गरीब ब्राह्मण को दान एवं दक्षिणा से संतुष्ट करें.
8. फिर आप पारण करके सावन के पहले सोमवार व्रत को पूर्ण करें. यदि पूरे साल सोमवार व्रत करना चाहते हैं, तो सावन के पहले सोमवार व्रत से इसका प्रारंभ कर सकते हैं.