Swachh Bharat Mission: बैतूल के आमला ब्लॉक के ग्रामीण अंचलों में स्वच्छ भारत अभियान कैसे चल रहा है, इसका नजारा जिला मुख्यालय की आसपास की पंचायतों में ही देखने को मिल जाता है।
यह भी पढ़े CLICK HERE
इस अभियान के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी पंचायतों में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ती दिखाई पड़ रही है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत कोई भी नहीं समझ रहे हैं।
अभियान की बानगी मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत में देखी जा सकती है। मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत तोरणवाड़ा में स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह फैल दिखाई पड़ रहा है।
ग्राम में स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित शौचालयों की हालत खस्ता है। किसी के घर के शौचालय में दरवाजे नहीं हैं तो किसी के घर के शौचालय जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।
उन्हें देखकर आसानी से समझ आ जाता है कि लंबे अरसे से उनका उपयोग ही नहीं किया गया।
बताया जाता है कि 12 हजार की लागत से निर्मित शौचालय में शुरू से ही भ्रष्टाचार चल रहा था। शौचालयों का निर्माण पंचायतों द्वारा किया जाना था, लेकिन पंचायतों ने इसके निर्माण की जिम्मेदारी ठेकेदारों को सौंप दी थी।
जिसके चलते शौचालय भी अनियमितता की भेंट चढ़ गए। पंचायत और ठेकेदारों द्वारा राशि बचाने के चक्कर में घटिया मटेरियल से शौचालयों का निर्माण किया गया। जिसके कारण शौचालय की हालत खस्ता होने लगी।
शौचालय के साथ ही वाश बेसिन भी लगाना था। लेकिन कही वाश बेसिन लगाया गया तो कहीं वाश बेसिन का नामोनिशान ही नहीं है।
ग्राम पंचायत तोरणवाड़ा में स्वच्छ भारत अभियान कहीं दिखाई ही नहीं पड़ रहा है। ग्राम में जगह-जगह गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। पंचायत सचिव व रोजगार सहायक भी इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है।