विश्व स्तर पर मध्य प्रदेश के गेहूं (videsh mein gehu export se kisano ka fayda) की डिमांड बढ़ गई है, हाल ही में सीहोर रायसेन गुना और विदिशा से 12 टन गेहूं सऊदी अरब और वियतनाम भेजा गया भारतीय मध्य प्रदेश के गेहूं की डिमांड विदेश में किस स्तर की है ।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं निर्यात 3 गुना बढ़ गया है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है।
मंडियों में गेहूं के ऊंचे दाम पर बिकवाली हो रही है। जानकार बताते हैं कि यही स्थिति आगे लंबे समय तक बनी रहेगी।gehu ka bhav
गेहूं मुनाफे का काराेबार (videsh mein gehu export se kisano ka fayda)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मध्यम क्वाॅलिटी के गेहूं के भाव 2400 से 2700 के बीच बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि 2021 में खाड़ी के देश एक नाम और वियतनाम और सऊदी अरब में 3.70 लाख टन निर्यात हुआ था।
गुना में गेहूं के बड़े निर्यातक मनीष अग्रवाल (महूवाले) के अनुसार, इस बार 50 हजार टन गेहूं निर्यात की संभावना है। हमने रेलवे से 16 रैक की डिमांड की है।
अब तक सिर्फ 2 ही मिली हैं। पिछले साल यहां से 20 हजार टन गेहूं विदेशों में भेजा गया था। इसी प्रकार सीहोर से 2.5 लाख टन, रायसेन से 4 लाख टन और विदिशा से 5 लाख टन गेहूं निर्यात किया जाएगा।
कुल मिलाकर इन चार बड़ी मंडियों से 12 लाख टन गेहूं बाहर भेजा जा रहा है यानी पिछले साल के निर्यात से 8.30 लाख टन ज्यादा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव 300 रु./क्विंटल ज्यादा
गेहूं निर्यात कारोबारी अग्रवाल बताते हैं कि 2021 के मुकाबले इस बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव 300 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा खुला था। Gehu ka rate
हालांकि बीते एक महीने के दौरान इसमें बार-बार उतार चढ़ाव आते रहे। उन्होंने बताया कि विदेशाें में किसी खास गेहूं की डिमांड नहीं रहती।
वहां गेहूं का इस्तेमाल तैयार खाद्य पदार्थों के लिए होता है। इसलिए मध्यम क्वाॅलिटी का गेहूं ही ज्यादा मांगा जाता है।
आगे यह स्थिति रहने की संभावना
अंतरराष्ट्रीय (videsh mein gehu export se kisano ka fayda) स्तर पर खाद्य मानक पर खरा उतरने वाले भारतीय गेहूं की डिमांड और बढ़ने की पूरी संभावना नजर आ रही है।
इसका फायदा किसानों को मिलेगा व्यापारी बताते हैं कि गेहूं की कीमत 2500 से 3000 के बीच रहेगी।