हाइड्रोपोनिक्स यानी ‘मिट्टी के बग़ैर फसल उगाने की तकनीक’।

खेती के इस आधुनिक तरीके में संरक्षित वातावरण में तरल माध्यम से फसलों को उपयुक्त पोषण मुहैया करवाकर पैदावार ली जाती है।

सबसे ख़ास बात है कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक (Hydroponics Technique) से कृषि उत्पादन करने

उद्यमी अपने उत्पादों को ‘जैविक खेती’ के समकक्ष बताकर बाज़ार में अच्छे दाम पर बेच रहे हैं और बढ़िया मुनाफ़ा कमा रहे हैं।

इसके पीछे तर्क ये है कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से पैदा हुई सब्जियाँ किसी भी अन्य विधि से पैदा हुई सब्जियों

मिट्टी के बग़ैर और बेहद नियंत्रित माहौल की इस पैदावार में प्रदूषित पदार्थों का अंश भी नगण्य ही होता है।

भारत में अभी सालाना 50 अरब रुपये से ज़्यादा मूल्य का विदेशी हरा सलाद आयातित होता है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार के लिए ये बोझ ख़ासा अहम है। हाइड्रोपोनिक तकनीक का सुखद पहलू ये भी है

इसकी बदौलत देश में ही आयायित किस्म के फलों-सब्ज़ियों को कम लागत पर पैदा किया जा सकता है।

इससे जहाँ आयात का बोझ घटता है, वहीं उपभोक्ताओं को भी कम दाम पर उनका मनचाहा उत्पाद मिल जाता है।

वैज्ञानिक अनुसन्धानों से ही नहीं बल्कि कृषि उद्यमियों ने भी अब सफलतापूर्वक ये साबित कर दिया है