Wheat Export Ban : अलग-अलग समस्याओं से जूझ रही दुनिया को उस समय सबसे बड़ा झटका लगा जब भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया।
भारत में हीट वेव के कारण गेहूं उत्पादन काम होने की संभावना है। इस कारण घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ गई है।
इसे देखते हुए भारत ने अन्य देशों में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। संयुक्त अरब अमीरात भारतीय गेहूं का सबसे बड़ा खरीदार है।
भारत के प्रतिबंध से UAE (संयुक्त अरब अमीरात) भी परेशान है। UAE में भी देश में आटे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है।
यूएई के स्थानीय उद्योग के व्यापारियों का कहना है कि दुनिया के दो प्रमुख गेहूं उत्पादकों, यूएई में इस साल गेहूं की कीमतें लगभग 10-15 प्रतिशत बढ़ी हैं।
यूएई के एक प्रमुख न्यूज़ एजेंसी के अनुसार युद्ध के कारण रूस और यूक्रेन से वैश्विक बाजार में गेहूं नहीं आ रहा है। भारत के गेहूं प्रतिबंध पर कहा कि ‘भारत सरकार ने महसूस किया कि गेहूं की बहुत मांग है
देश में गेहूं की कमी हो सकती है। नतीजतन, कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इसलिए, उन्होंने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।’
Wheat Export Ban: किसी व्यापार समझौते को मंजूरी नहीं
बता दें डॉ धनंजय दातार का कहना है कि भारत ने आश्वासन दिया है कि प्रतिबंध के बावजूद वो यूएई और सऊदी अरब को गेहूं की आपूर्ति करेगा लेकिन अभी तक किसी व्यापार समझौते को मंजूरी नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे तीन-चार महीने पहले पता चला कि गेहूं पर प्रतिबंध हो सकता है इसलिए हमने सुनिश्चित किया कि हमारे पास अगले आठ से नौ महीनों के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार हो।’
इधर, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा है कि भारत सरकार से जो सरकारें गेहूं खरीद के लिए अनुरोध करेंगी,
वहां खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार गेहूं उपलब्ध कराएगी। बता दें साल 2020-21 में यूएई ने भारत से 330,707.74 मीट्रिक टन गेहूं ख़रीदा है। वो भारतीय गेहूं का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है।