wheat varieties: अक्सर कुछ इलाको में गेंहू की फसल को किसान द्वारा बोया जाता है जिसकी वजह से यह फसल और भी अधिक उत्पादक होती है इसमें भी अलग अलग वेरायटी के गेंहू आते है जिसे खेतो में लगाकर अच्छी तरह से इसकी मरम्मत कर के अच्छी उपज निकालतेहै।
अक्सर कुछ किसानो को यह पता नही होता है की हम कौन सी किस्म का उपयोग करे जिससे हमे अच्छी फसल हो और हमे अच्छा भाव मिले लेकिन कुछ किसानो को अच्छी किस्मों के बारे में पूरी जानकारी होती है जिसे वह अपने खेतो में लगाकर अच्छीतरह से खाद देकर अच्छा भाव पा लेते है। ऐसे ही कुछ किस्मों के बारे में जानते है….
यह गेंहू की किस्मे प्रमुख तीन प्रकार से है …
wheat varieties: गेंहू की किस्मे
1- गेहूं की पीबीडब्ल्यू-826 किस्म
यह किस्म को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में बेहतर किस्म बताया है यह प्रमुख 2 तरह की किस्मों से में एक है जिसका उत्पादन निम्न राज्यो में किया जाता है जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र के लिए यह उपयोगी बताया जा रहा हैं। इन राज्यों में इस किस्म का प्रयोग समय पर और सिंचित बुवाई के तहत किया जा सकता है। यह किस्म अधिक मोटे दाने वाली बताई जा रही है जिसमे यह किस्म सिंचित समय पर बुवाई की के लिए बेहतर किस्म बताई जा रही है।
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2- गेहूं की पीबीडब्ल्यू 872 किस्म
यह किस्म को पश्चिमी में बोये जाने के लियर अधिक फेमस है इस किस्म को जल्दी बोया जाता है जिसमे इसका प्रयोग सिंचित भूमि में किया जा सकता है। इस किस्म की पहचान जल्दी बोई जाने वाली और उच्च उपज संभावित किस्म तौर पर की गई है।
3- गेहूं की पीबीडब्ल्यू 833 किस्म
यह किस्म को तीसरे नंबर पर रखा गया है इस लिए इसे तीसरे नंबर की किस्म कहते है यह उच्च अनाज उपज और प्रोटीन सामग्री के तौर पर चिन्हित की गई है। इस किस्म को देश के उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र की सिंचित भूमि के लिए जारी किया गया है। यह देर से बोई जाने वाली किस्म है। इस तरह से गेंहू की इन तिन किस्मों को अलग अलग राज्यो में बोया जाता है इसकी खेती करने की तकनीक भी थोड़ी अलग है।
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