Yashoda Mata‘s Temple Indore: शहर में करीब 225 साल पुराना मां यशोदा मंदिर है, जो राजवाड़ा क्षेत्र में स्थित है। भारत सहित पूरेविश्व में भगवान श्रीकृष्ण के हजारों मंदिर है, लेकिन उनकी मां का सिर्फ एक मंदिर है, जो सिर्फ इंदौर में है।
इस मंदिर में माँ यशोदा कान्हा जी को गोद में लेकर विराजित हैं। मान्यता हैं कि जो भी माँ यहां संतान प्राप्ति के लिए आती हैं , उन्हें संतान प्राप्ति जरूर होती है।
Yashoda Mata‘s Temple Indore: विश्व में केवल इंदौर Indore में है मां यशोदा माता का मंदिर, जहां निसंतान को भी होती है संतान
- 225 साल पुराने मां यशोदा मंदिर की मान्यता, हर गुरुवार महिलाओं की भरी जाती है गोद
मंदिर के पुजारी मनोहर दीक्षित ने खास बातचीत में बताया कि संतान प्राप्ति के लिए यहां गुरुवार सुबह 9 से दोपहर 12 बजे के बीच गोद भरी जाती है। गोद चावल, नारियल और अन्य वस्तुओं से भरी जाती हैं।
ऐसी मान्यता है कि यशोदा माता (Yashoda Mata‘s Temple indore) की गोद भरने वाली महिलाओं की गोद मैया उन्हें कृष्ण जैसा पुत्र देकर भरती है। हर गुरुवार के अलावा हर साल जन्माष्टमी और डोल ग्यारस पर भी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं और गोद भरी जाती हैं।
वहीं, मंदिर के पुजारी ने मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि मंदिर लगभग 225 वर्ष पुराना है। मंदिर की स्थापना उनके परदादा ने की थी। उन्हें यशोदा माता का मंदिर बनाने की प्रेरणा उनकी माताजी ने ये कहकर दी थी कि कन्हैया को तो सारा संसार पूजता है,लेकिन उनको पालने-पोसने वाली यशोदा मैया को सब भूल गए हैं।
माताजी की यह बात सुन उन्होंने यशोदा मंदिर (Yashoda Mata‘s Temple indore) की स्थापना का संकल्प लिया था। उस समय जयपुर में मूर्ति बनवाई थी। उस मूर्ति को उनके परदादा बैलगाड़ी से जयपुर से इंदौर लेकर आए थे।
पहले इस मंदिर में सिर्फ माँ यशोदा की मूर्तिस्थापित थी, लेकिन कुछ समय बाद मंदिर में राधा-कृष्ण और फिर दाई मां की मूर्ति की स्थापना भी की गई। विशेष बात यह कि मंदिर में यशोदा माता की प्रतिमा बड़ी है, जबकि नंद बाबा की प्रतिमा छोटी हैं।
मंदिर की विशेषता (Yashoda Mata‘s Temple indore)
जब आप इस मंदिर में जाएंगे तो आप देख सकें गे की माता यशोदा ने कान्हा को अपने गोदी में उठा रखा है। मां यशोदा की उनको ममतामई अवतार दिखाया गया है। मां यशोदा की मूर्ति के साथ ही नंद बाबा और राधा कृष्ण की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।
मंदिर से जुड़ी मुख्य बात
- 225 साल पहले हुई थी इस मंदिर की स्थापना
- नि:संतान दंपत्ति की पूरी होती है मनोकामना
- इंदौर में स्थित मंदिर