Navratri 2022 Special: इंदौर।शहर के पूर्वी क्षेत्र के खजराना में स्थित काली मंदिर शक्ति के उपासकों के बीच आस्था का केंद्र है।
मंदिर में माता काली की नौ फीट उंची संगमरमर की मूर्ति विराजमान है। इस मनोहारी मूर्ति के दर्शन के लिए यहां प्रतिदिन भक्तों का तांता लगता है।
चैत्र व शारदीय नवरात्र के अतिरिक्त दोनों गुप्त नवरात्र में भी यहां विभिन्न अनुष्ठान होते है।
देश-दुनिया में ख्यात खजराना गणेश मंदिर के नजदीक स्थित खजराना काली माता मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी 6.5 किलोमीटर है।
यहां पहुंचने में तकरीबन 20 मिनिट का समय लगता है। मंदिर की स्थापना 1976 में हुई थी। उस समय मंदिर के संस्थापक राधेश्याम अग्रवाल बापूजी ने अपनी चार फैक्ट्री में से तीन को बेचकर देवी का मंदिर अौर छोटी मूर्ति की स्थापना की थी।
इसके बाद एक अन्य भक्त हरिकिशन पाटीदार ने मंदिर के पास की जमीन दान दी।
1984 में भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। 17 फरवर 1991 को मंदिर में नौ फीट ऊंची संगमरमर की काली माता की मूर्ति स्थापित की गई।
जयपुर से 80 किमी दूर छितौली गांव से मूर्ति के लिए संगमरमर बुलवाया गया। मंदिर में ही मूर्ति तैयार की गई ।मंदिर से जुड़े आचार्य शिवप्रसाद तिवारी बताते है कि देशभर के प्रमुख विद्वानों की उपस्थिति में मूर्ति की स्थापना हुई थी।
माता की इतनी बड़ी मूर्ति देश के कुछ मंदिरों में ही है। यहां पर चैत्र अौर शारदीय नवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान होते है। यहां पारदेश्वर महादेव की प्रतिष्ठा 1989 में हुई थी।