Animal Husbandry: हम सब जानते हैं कि अगर हम जीवन में तनाव लेते हैं तो हमारी आयु कम हो जाती है उसी तरीके से अगर हम पशु को पालते Animal Husbandry हैं और पशु के अंदर तनाव की उपज हो रही है तो इसका असर उनकी उम्र पर आसानी से पड़ सकता है इसलिए अपने पशुओं को तनाव से रखे बिल्कुल ही दूर।
पशुओं को हमेशा स्वच्छ व साफ रखें, इसलिए उन्हें गर्म के मौसम में रोजाना नहलाना चाहिए।
पशु जहां रहते हो वहां पर ऐसे कोई चीज को न रखें जिससे कि पशु के शरीर में कोई चोट आए।
इसलिए जहां पर आप पशु को बांधते है उसके पास साफ-सफाई का होना बहुत जरूरी है।
पशु के आस-पास की गंदगी जैसे कि (गोबर इत्यादि) को प्रतिदिन साफ अवशय करें।
बारीश के मौसम में पशुओं के आसपास पानी जमा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए नहीं तो मच्छर, मक्खी व कीड़े- मकोड़े आपके पशुओं के पास अपना घर बना सकते है।
उष्मागत तनाव से बचाव कैसे करे, आइए जानते हैं।
Animal Husbandry गर्मी के दिनों में अगर आप पशु को पक्की छत के घर में रखती है तो, कृपया करके छत पर सुखी घासं व कड़बी जरूर रखें जिससे की छत गर्म नहीं हो पाएगा।
अगर आपके पास पशु आवास नहीं है पशुओं को रखने के लिए तो उनको छायाकार पेड़ों के नीचे बांधे , वह भी आपके पशुओं को तपती धूप से सुरक्षित करेगा।
पशुओं के घर में गर्म हवाओं का सीधा प्रवेश रोकने के लिए लकड़ी के पट्टे या बोरी को बिल्कुल गिला कर दें , जिससे कि पशुओं के घर में ठंडक बनी रहेगी।
रात के समय में अपने पशुओं को खुले मैदान/ स्थान पर बांधे। पशु गृह में आवश्यकता से अधिक पशुओं को बिल्कुल भी नहीं बांधे।
Animal Husbandry गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा का अधिक सेवन करवाएं।
हरे चारे में 70 से 90% जल की मात्रा होती है और साथ ही हरा चारा पशुओ के शरीर में जल की पूर्ति करता है ।
गर्मी के मौसम में पशुओ को भूख कम और प्यास अत्यधिक लगती है , इसलिए गर्मी के मौसम में पशुओं को साफ पानी उनके आवश्यकतानुसार और दिन में कम से कम 3 बार जरूर पिलाएं।
रोग तनाव से बचाव कैसे करे, आइए जानते हैं।
हर तीन महीनों के दौरान पशुओं को आंतरिक परजीवी नाशक दवा का सेवन अवश्य कराना चाहिए।
पशुओं के खान-पान पर भी ध्यान देना बहुत आवश्यक है, क्योंकि विटामिन्स की पुरती न होने से कभी-कभी पशुओं को रोग हो जाता है। अगर पशु को किसी भी प्रकार का रोग हो गया है तो पशु चिकित्सालय में जाकर पशुओं के डाक्टरों से मुलाकात करे उनका नियमित रूप से इलाज करवाए।
सभी प्रकार के रोगों में पशु के खान-पान पर खास ध्यान रखें, विटामिन और खनिज दोनों लवण देने चाहिए। इसके साथ ही लिवर टॉनिक का प्रयोग करे जिससे कि पशुओं का स्वास्थ जल्दी ठीक हो जाएगा।
गर्मी के मौसम में डेयरी पशुओं में होने वाले गर्मी से तनाव का उपज होता है पशुओं के अंदर भारतीय डेयरी में पशुओं के उत्पादन एवं प्रजनन में कमी आती है। कुछ गर्मी तनाव अपरिहार्य हैं लेकिन निश्चित प्रथाओं का पालन करके तनाव के असर को कम किया जा सकता है।