Electric Scooters: एक और इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) आग लगने से खाक हो गया। मामला तेलंगाना के वारंगल का है। यहां PureEV इलेक्ट्रिक स्कूटर में उस वक्त आग लग गई तब दो लोग उस पर सफर कर रहे थे।
ये पिछले सात महीने में PureEV स्कूटर में आग लगने का चौथा मामला था। वैसे, EV बनाने वाली कई दिग्गज कंपनियों के स्कूटर की बैटरी में आग लगने के मामले लगातार और तेजी से सामने आ रहे हैं। इसमें Ola, Okinawa, EVOLS समेत कई स्टार्टअप कंपनियां शामिल हैं।
अब सवाल ये उठता है कि अचानक ऐसा क्या होने लगा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने के मामले तेजी से बढ़ने लगे। एक तरह सरकार सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट देकर ईवी को बढ़ावा देना चाहती है।
लेकिन आग लगने के मामले लोगों को डराने लगे हैं। क्या इससे ईवी की बिक्री पर भी असर हो सकता है। इन तमाम चीजों को यूट्यूबर ऑटो एक्सपर्ट अमित खरे (आस्क कारगुरु) समझा रहे हैं।
Electric Scooters
1. प्लास्टिक कैबिनेट का पिघलना: ईवी में इस्तेमाल होने वाली सभी बैटरी प्लास्टिक कैबिनेट के साथ आ रही हैं। ऐसे में जब ये गर्म होती हैं तब प्लास्टिक का पिघला देती हैं। साथ ही इसमें लगे हुए सर्किट भी पिघलने लगते हैं।
इससे आग लगने का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। बैटरी भले ही पूरी तरह पैक होती हैं, लेकिन इसके बाद भी इसमें हीट का डिस्चार्ज होती है। जब बैटरी गर्म होती है तब ये हीट का डिस्चार्ज तेजी से बढ़ने लगता है।
2. हीट सिंक का कम होना: ज्यादातर बैटरी लिथियम ऑयन बेस्ड होती हैं। लिथियम ऑयन से हीट ज्यादा निकलती है। ऐसे में इसके लिए शैल के ऊपर का कवर ज्यादा मजबूत होना चाहिए।
इसमें हीट सिंक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन अभी बैटरी ऑपरेटर्स इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इसका बड़ा कारण बैटरी का स्वेपैबल होना भी है। इन बैटरी को एक जगह से दूसरी जगह पर लेकर जाया जाता है।
ऐसे में यदि बैटरी में हीट सिंक को बढ़ाया जाता है तब उसका वजन भी बढ़ जाएगा। इसके चलते इसे उठाने में थोड़ी प्रॉब्लम आ सकती है। यही वजह है कि इसे जानबूझकर हल्का रखा गया है।
3. करंट से शॉर्ट सर्किट: चार्जिंग स्टेशन के दौरान जिन गाड़ियों में आग लग रही है उसका सबसे बड़ा कारण शॉर्ट सर्किट का होना है। ये करंट इतना हैवी होता है कि अगर बैटरी का जॉइंट टाइट नहीं होते हैं तो उसमें शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है।
टू-व्हीलर में 7kw तक का चार्जर इस्तेमाल किया जाता है। ये घर में इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनर से लगभग 5 से 7 गुना तक ज्यादा करंट वाला होता है। तो कई बार इतना पावरफुल चार्जर की वजह से बैटरी में शॉर्ट सर्किट का खतरा बन जाता है।
इतना ज्यादा करंट को संभालने के लिए हमारे टेक्नीशियन अभी तैयार नहीं है।
4. टेम्परेचर से बैटरी का गर्म होना: देश में इन दिनों तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इससे भी गाड़ियों में आग लगने की समस्या हो रही है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में बैटरी का इस्तेमाल सीट के नीचे किया जाता है।
ऐसे में जब गाड़ी धूप में खड़ी रहती है तब उसकी बॉडी का टम्परेचर 70 डिग्री या उससे भी ज्यादा हो जाता है। सीट के नीचे का हिस्सा एयर टाइट होता है ऐसे में उसका टेम्परेचर भी उतना हो जाता है। जब हम गाड़ी को स्टार्ट करते हैं तो उसे आगे बढ़ाने के लिए मोटर का ज्यादा पावर लगता है।
इससे तापमान और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसी वजह से गाड़ी में स्मैल आने लगती है और कई बार गर्मी की वजह से बैटरी में आग लग जाती है।
5. चाइनीज मैन्युफैक्चरर द्वारा तैयार: बैटरी बनाने वाले ज्यादातर मैन्युफैक्चरर चाइनीज और ताइवानी हैं। ऐसे में बैटरी का वजन और कीमत कम करने की वजह से उसमें हीट सिंक का अच्छी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जाता।
बैटरी की कूलिंग पर अभी तक अच्छी तरह से काम नहीं किया गया है। इसी लापरवाही की वजह से गाड़ी की बैटरी में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं।
दूसरी तरफ, कारों में ज्यादा किलोवाट की बैटरी के साथ हीट सिंक और कूलेंट का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये कारों की बैटरी को एकदम ठंडा रखता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए कौन सी बैटरी ज्यादा बेहतर?
दुनियाभर में लिथियम ऑयन और लिथियम फास्फेट बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। लिथियम फास्फेट बैटरी की खासबात है कि ये गर्मी को सहन कर सकती है।
जबकि लिथियम ऑयन में ऐसा नहीं होता है। इसी वजह से इन बैटरी में आग लगने की समस्या आ रही है। चीन में दोनों तरह की बैटरी बनाई जाती हैं।
लिथियम ऑयन की तुलना में लिथियम फास्फेट सस्ती होती है, लेकिन इनमें पावर डेन्सिटी काफी कम होती है। इस वजह से इसका साइज और वजन दोनों बढ़ जाते हैं।
आग लगने के हादसे से क्या ईवी पर भरोसा नहीं करें?
इलेक्ट्रिक व्हीकल में लगातार आग लगने की खबरों से लोगों के मन में इनके प्रति डर बैठ रहा है। हालांकि, सालभर में लाखों ईवी बिक रहे हैं। जबकि इनमें आग लगने वाले केस 1% से भी बहुत कम हैं।
ऐसे में भारतीय इतना रिस्क लेने को तैयार रहते हैं। वैसे भी लोगों के पास इंश्योरेंस का विकल्प हमेशा बना रहता है। ज्यादातर ई-व्हीकल घर के बाहर ही पार्क होते हैं, तो इससे भी बड़े हादसे का खतरा टल जाता है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर इस्तेमाल करने वाले इन 6 बातों का ध्यान रखें
1. टू-व्हीलर की बैटरी को घर में ऐसी जगह पर चार्ज करें जो आउटर एरिया हो। उसे कपड़े या लकड़ी के सरफेस पर नहीं रखें।
2. बैटरी को पूरी रात चार्जिंग पर नहीं छोड़े। जब तक आप जाग रहे हैं तब तक चार्ज करें। सोते वक्त चार्जिंग बंद कर दें।
3. ई-व्हीकल पानी में भीग जाए तो चार्जिंग से बचें। अच्छी तरह सूखने और साफ करने के बाद भी उसे चार्जिंग पर लगाएं।
4. ड्राइविंग के दौरान आपको जरा सी भी महक आती है तब उसे इग्नोर न करें। तुरंत गाड़ी को रोक लें और सबसे पहले सीट को ओपन कर लें। ताकी अंदर की हीट बाहर निकल जाए।
5. चीनी मैन्युफैक्चरर का व्हीकल लेने से भी बचें। इसकी बजाए जो गाड़ियां हमारे यहां की फैक्ट्री में बन रही हैं उन पर जाएं।
6. गाड़ी के इंश्योरेंस को अप-टू-डेट रखें। कोशिश करें कि यदि वो एक्सपायर होने वाला है तब सप्ताहभर पहले ही उसे रिन्यू करा लें।