Gudi Padwa 2022: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस दिन ही गुड़ी पड़़वा का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि हिंदू नववर्ष की शुरुआत इस दिन से ही होती है।
इस साल गुड़ी पड़वा 02 अप्रैल 2022 को गुड़ी पड़वा Gudi Padwa के दिन कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि में उगादी मनाया जाता है।
लोग इस दिन को काफी शुभ मानते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था और सतयुग की शुरुआत हुई थी। जानें गुड़ी पड़वा से जुड़ी ये 10 दिलचस्प बातें-
Gudi Padwa 2022: गुड़ी पड़वा 2022 प्रतिपदा तिथि-
Gudi Padwa 02 अप्रैल को रात 11 बजकर 58 मिनट तक प्रतिपदा तिथि रहेगी।
Gudi Padwa 2022 पढ़ें गुड़ी पड़वा से जुड़ी ये 10 खास बातें-
1. गुड़ी पड़वा Gudi Padwa को मराठी लोग नये साल की शुरुआत मानते हैं। इस दिन लोग नयी फसल की पूजा करते हैं।
2. गुड़ी पड़वा Gudi Padwa के दिन लोग अपने घरों की विशेष साफ-सफाई करने के बाद घरों में रंगोली बनाते हैं। आम के पत्तों से बंदनवार बनाकर सभी घरों के आगे लगाते हैं। महिलाएं घरों के बाहर सुदंर और आकर्षक गुड़ी लगाती हैं।
3. गुड़ी पड़वा Gudi Padwa के मौके पर खासतौर पर पूरन पोली नामक पकवान बनता है। यानि मीठी रोटी, इसे गुड और नीम, नमक, इमली के साथ बनाया जाता है।
4. ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर में लाने से बुरी आत्मा दूर रहती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
5. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन रावण को हराने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे।
6. विक्रम संवत हिंदू पंचांग के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था।
7. वीर मराठा छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद पहली बार गुड़ी पड़वा को मनाया था। इसी के बाद हर साल मराठी लोग इस परंपरा का अनुसरण करते हैं।
8. अधिकतर लोग इस दिन कड़वे नीम की पत्तियों को खाकर दिन की शुरूआत करते हैं। कहा जाता है कि गुड़ी पड़वा पर ऐसा करने से खून साफ होता है और शरीर मजबूत बनता है।
9. इस दिन को विभिन्न राज्यों में उगादी, युगादी, छेती चांद आदि अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस दिन को मणिपुर में भी मनाया जाता है।
10. इस दिन सोना, वाहन या मकान की खरीद या किसी काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।