November 8, 2024
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Hanuman Janmotsav 2022: 108 टन वजनी मूर्ति पर दिखाई देती है सात रंगो से हनुमान चालीसा।

Hanuman Janmotsav 2022: अहिल्या की नगरी हनुमान मंदिर खास है। हर मंदिर की प्रसिद्धि की अपनी वजह है।

शहर की सीमा पर विराजे पितरेश्वर हनुमान अपने वृहद आकार के कारण तो रणजीत हनुमान हर कार्य में सफलता का आशीर्वाद देने के लिए प्रसिद्ध हैं।

इसके साथ ही वीर आलीजा हनुमान मंदिर में भगवान का नित नवीन स्वरूप में शृंगारकर भांग का भोग लगाया जाता है।

Hanuman Janmotsav 2022

पितृ दोष से मुक्त करते पितृ पर्वत पर विराजित पितरेश्व हनुमान

शहर के सीमा पर पितृ पर्वत पर विराजित पितरेश्वर हनुमान की 108 टन वजनी मूर्ति पवन पुत्र के भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है।72 फीट उंची मूर्ति दूर से ही नजर आ जाती है।

Hanuman Janmotsav 2022

इस मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था।हनुमानजी के चारों ओर 5 हाइमास्ट लगे हुए हैं। इससे रात में भी दिन जैसा दूधिया उजाला रहता है।

मान्यता है कि पितरेश्वर हनुमान के पूजन से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

यहां पर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी विशेष दिनों में होता है।इसके लिए जर्मन से विशेष दो करोड़ की लेजर लाइट मंगवाई गई थी।

पितरेश्वर धाम के व्यवस्थापक महेश दलोत्रे बताते हैं कि लेजर लाइट के जरिए हनुमानजी के प्रतिमा के सीने पर 7 रंगों में हनुमान चालीसा का चित्रमय वर्णन दिखाई देता है।

जीत का आशीर्वाद देते रणजीत हनुमान

रणजीत हनुमान मंदिर शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित है।यहां पर हनुमानजी की ढाल और तलवार लिए मूर्ति विराजमान है। मान्यता है कि भगवान भक्तों को जीत का आशीर्वाद देते हैं।

एक समय राजा युद्ध में जाने से पहले रणजीत हनुमानजी के दर्शनकर युद्ध में जाते थे।मंदिर में प्रवेश के साथ ही भक्त आपको हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड का पाठ करते नजर आ जाएंगे।

यू तो यहां आठ दिन भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन मंगलवार और शनिवार को भक्तों की कतार लगती है।पुजारी दीपेश व्यास बताते है कि मंदिर की स्थापना 125 साल पहले हुई थी।

रणजीत अष्टमी पर निकलने वाली प्रभातफेरी में एक लाख श्रद्धालु आते हैं। हनुमान जयंती पर जन्म आरती सुबह 6 बजे होगी।

Hanuman Janmotsav 2022

हनुमानजी की स्वयंभू प्रतिमा को लगता भांग का भोग

पंचकुईया क्षेत्र में वीर आलीजा हनुमान मंदिर हनुमानजी की स्वयंभू 700 साल पुरानी प्रतिमा है।भगवान यहां वीर स्वरूप में विराजित में है।पांच फीट की उंचाई वाली प्रतिमा के दोनों हाथ में गदा है।

भगवान को चोला चढ़ाने में आधा किलो सिंदूर, 200 ग्राम तेल, 200 चांदी के वर्क और इत्र की बोतल का उपयोग होता है।सामान्यत: भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाया जाता है लेकिन वीर आलीजा मंदिर में रोज भांग का भोग लगाया जाता है।

गादीपति ब्रह्माचारी पवनानंद महाराज बताते है कि 16 अप्रैल को भगवान का स्वर्ण शृंगार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त फूल बंगला भी सजेगा।

मनोकामना पूरी करते उल्टे हनुमान

हनुमानजी की सीधी प्रतिमा कई मंदिर में है, लेकिन इंदौर के समीप सांवेर में उल्टे हनुमान का मंदिर है। यहां पर सिर के बल खड़े हनुमानजी की पूजा की जाती है।

Hanuman Janmotsav 2022

इसके पीछे कथा बताई जाती है कि इस स्थान से भगवान राम और लक्षमण की रक्षा के लिए हनुमानजी ने पाताल लोक में प्रवेश किया था, इसलिए उनकी मूर्ति उल्टी है।

मंदिर परिसर में राम-सीता, लक्षमण, शिव-पार्वती की प्रतिमाएं स्थापित हैं।उल्टे हनुमान की मंगलवार और शनिवार को आराधना करने से मनोकामना पूरी होती है।

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