Mustard and Wheat: कुछ दिनो से सारसो और गेंहू के भावो मे उत्तर चड़ाव देखने के लिए मिल रहा है ऐसे मे आपको बता दे की हर जगह के मदियों के भावो मे काफी अंतर रहता है और भी बहुत कुछ होता है जिसमे अंतर देखने के लिए मिलता है ।
ऐसे मे हम आपको बता दे रहे है की सारसो और गेंहू के भावो पर समय समय पर खबर रखते रहे नही तो आपको बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता है । आइसे देखते है इसके बारे मे –
Mustard and Wheat: विभिन्न मंडियों में सरसों और गेहूं के ताजा भाव और आगे बाजार का रूख
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बीते कुछ दिनों से सरसों के भावों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि ये गिरावट मामूली है। वहीं सरसों तेल के भाव भी कम हुए हैं। इधर गेहूं के भावों में तेजी बनी हुई है। गेहूं के भाव एमएसपी से ऊंचे चल रहे हैं।
10 साल बाद ये पहला मौका है कि किसानों को गेहूं के अच्छे भाव मिल रहे हैं। बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न की मांग बढऩे लगी है। इसमें गेहूं सहित अन्य खाद्यान्न की मांग कई देशों ने भारत से की है।
भारत की ओर से कई देशों को गेहूं का निर्यात किया जा रहा है। बता दें कि रूस और यूक्रेन दोनों की बड़े गेहूं निर्यातक राज्य है। ये दोनों की विश्व के अधिकांश देशों को गेहूं का निर्यात करते हैं।
अभी फिलहाल युद्ध की वजह से यहां व्यापारिक गतिविधियां बंद है। इसका फायदा भारत सरकार को और यहां के किसानों को मिल रहा है। इस बार किसानों को गेहूं के अच्छे भाव मिल रहे हैं।
इससे किसान सरकारी मंडियों में एमएसपी पर गेहूं बेचने से दूरी बना रहे हैं और सीधे व्यापारियों और आटा मिलों को गेेहूं बेच रहे हैं। बता दें कि गेहूं का एमएसपी 2015 है
जबकि व्यापारी किसानों को इससे अधिक भाव दे रहे हैं। ये भाव 2500 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक है। बता दें कि गेहूं की किस्म के आधार पर भाव तय किए जाते हैं।
सरसों के भावों में कितनी आई गिरावट
मंडियों में सरसों के भावों में आई मामूली गिरावट के साथ ही इसकी आवक में भी कमी देखी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के आधार पर शनिवार को जयपुर में सरसों के भाव 50 से लेकर 75 रुपए तक की गिरावट हुई है। इस तरह भाव में बहुत अधिक गिरावट नहीं देखी गई।
प्रमुख मंडियों में कितना है सरसों का भाव
देश की प्रमुख मंडियों में सरसों का भाव सरकारी भाव यानि एमएसपी से अधिक चल रहा है। बता दें कि सरसों का एमएसपी 5050 रुपए प्रति क्विंटल है और बाजार में इसके भाव 6 हजार रुपए से 7 हजार रुपए तक चल रहे हैं।
देश की प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव इस प्रकार रहे-
मध्यप्रदेश की मंडियों में सरसों का भाव
- नीमच मंडी में 6100-6790 रुपए, पोरसा मंडी में 6585-6650 रुपए, काला कैलारस में 6435 रुपए, बैतूल में 6425 रुपए सरसों का भाव चल रहा है।
- मुंबई मंडी में सरसों का रेट 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
- बिहार के चंपारण में सरसों का भाव 6855 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा भाव
- राजस्थान की बेगू मंडी में गेहूं का भाव 2100-2390 रुपए, विजय नगर में 2150-2430 रुपए, देई (बूंदी) में 2099-2342 रुपए, गंगापुर सिटी में 2182-2391 रुपए, लालसोठ (मंडाबारी) मंडी में 2150 से 2235 रुपए, सूरतगढ़ 2021-2350 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का भाव चल रहा है।
- हरियाणा की मंडियों गेहूं का भाव 2110 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
- उत्तरप्रदेश में गेहूं का भाव गेंहू का रेट 2155 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। जबकि शरबती गेहूं का भाव 3595 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
- मध्यप्रदेश की धार मंडी में गेहूं का भाव 2522 रुपए, झाबुआ में 2050 रुपए, करही मंडी में गेहूं का भाव 2050 रुपए, खंडवा मंडी मेें 2100-2400 रुपए और सनावद मंडी में गेहूं का भाव 2131-2255 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
- महाराष्ट्र की मुंबई मंडी में गेहूं का भाव 2300-3200 रुपए प्रति क्विंटल और पुणे मंडी में गेहूं का भाव 2700-3200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है
रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23
केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं। इस वित्तीय 2022-23 के लिए प्रमुख रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है-
- गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।
- सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा।
- चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल है।
- जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपए प्रति क्विंटल है।
सरसों और गेहूं को लेकर आगे क्या रहेगा बाजार का रुख
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बाजार विशेषज्ञों की मानें तो इस बार सरसों के भावों में मामूली उतार-चढ़ाव बना रहेगा लेकिन भाव एमएसपी से ऊंचे ही रहेंगे।
यदि किसान सरसों को रोककर चले तो उसे लाभ हो सकता है। वहीं गेहूं में अभी तेजी का दौर रहेगा। बाजार भाव एमएसपी से ऊंचे बने रहेेंगे और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
बता दें कि इस समय रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की मांग अधिक रहने से इसके बाजार भाव ऊंचे बने रहने की संभावना है।