Paddy Varieties in Bihar: धान की खेती करने के लिए बहुत सइ ऐसे किसान है जिन्हें इनकी किस्मों के बारे में अधिक जानकारी नही होती है जिसके बाद वह गूगल पर किस्मों के बारे में जानते है तो कोई बिज बीभंडार वालो से इसकी जानकारी लेते है हम जिन किस्मों के बारे में बता रहे है वह किस्मे बिहार के किसान भाइयो द्वारा बम्पर पैदावार को लेकर सामने आई है भारत में सबसे अधिक धान की खेती बिहार में होती है जिसके लिए इन किस्मों का इस्तेमाल मध्यप्रदेश और अन्य राज्यो में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है और पैदावार में दोगुना इजाफा होते जा रहा है।आइये जानते इसके बारे में
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Paddy Varieties in Bihar
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बिहार में कुछ इस तरह सइ धान की किस्मे उगाई जाती है
स्वर्ण सब 1 (Swarna Sub-1)
यह किस्म छोटे अवधि वाली किस्म है जो अधिक पैदावार देने में पीछे नही है यदि धान में बाढ़ आ जाये तो यह 14 से 17 दिन तक पानी को सह सकती है यह जलमग्नता (water submersion) प्रतिरोधी धान है।
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सोनाचूर धान
सोनाचुर धान का नाम अपने मार्केट में तो खूब सुना ही होंगा यह स्वाद, सुगंध और कीमत के लिए अधिक जाना जाता है इसे कैमूर और रोहतास में खास कर इसकी खेती अधिक होती है किसानो के लिए सोनाचुर धान किसी ईटीएम से कम नही है।
IR 64
यह धान किट रोधी भी है इसे बिहार राज्य में कई जगह लगाया जा सकता है इसकी खासियत सूखे जगह को भी सह सअक्ति है।
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MTU 1010
यह धान को माध्यम अवधि वाला धान भी कहा जाता है यह बिहार में सिंचित जगहों पर उपयुक्त है जो अधिक उपज और भाव देने में कम नही है
CR धान 310
यह जो सिंचित और वर्षा सिंचित दोनों क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है यह अधिक उपज देने वाली धान की किस्म है सूखे की स्थिति का सामना कर सकती है यह कई रोगों और कीटों के लिए प्रतिरोधी है।
आप भी इन किस्मों को लगाकर एक बार पैदावार कर के देख सकते है यह देशभर में भी उपलब्ध हो सअक्ति है आप भी इन किस्मों का उपयोग अपनी जगह पर करते है तो एक बार आप जिला कृषि विज्ञानं केंद्र या राज्य कृषि संसथान में जाकर इसकी जानकारी जरूर से जरूर लेवे।
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