Potato Cultivation 2022: आलू की खेती करने पर किसानो अधिक मुनाफा मिल सकता है यह रबी की फसल है जिसे हर कोई किसान कर सकता है यह 12 महीनो बिकने वाली सब्जी है जिसका कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से यह मार्केट में इसकी डिमांड भी बहुत अधिक होती है इसे क्षारीय मिटटी में नही लगाया जाता है बाकि किसी भी तरह की मिटटी में इसकी खेती कर सकते है। हम इस लेख में पूरी तरह से इसके बारे में डिटेल्स से समझायेंगे।
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आलू में कई तरह के तत्व जैसे स्टार्च, प्रोटीन, विटामिन-सी और मिनरल्स प्रचुर आदि मात्रा में होने से इसका सेवन अधिक किया जाता है यह कुपोषण और भुकमरी की समस्या होने पर भी इस सब्जी का साथ होता है जिससे बचा जा सकते आलू की डिमांड कुछ वर्षो से अधिक हो चुकी है जो देश से विदेश तक सप्लाई होती है इसे यदि आप वैज्ञानिक तरीके से करते है तो आपको मेहनत कम और मुनाफा आधीक मिल सकता है।
सही मिटटी का चयन
Table of Contents
आलू की उन्नत खेती के लिए आपको सबसे पहले क्षारीय मिटटी पर इसकी खेती नही करना चाइये विशेसज्ञो द्वारा बताईं जाती है जो मिटटी बलुआई और दोमट होंगी चाइये यह मिटटी पर आलू की फसल बेहतर होती है खरीब की फसल की कटाई के बाद अपने खेतो को अच्छी तरह डिस्क प्लाऊ या एम.बी. प्लाऊ कर लेवे जिसमे डिस्क पलाऊ कल्टीवेटर को 2 दिन के अंतराल में 2 बार खेत में करे जिससे मिटटी में खरपतवार कम होने से मिटटी अच्छी तरह से बन जाएँगी जिसे कुदारी से 15 सेमि तक मेड बना ले।
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खाद का इस्तेमाल
आलू की खेती Potato Farming करने के लिए आपको सबसे पहले अच्छी तरह से मिटटी चढ़ाकर इसमें यदि हो सकते तो गोबर खाद का इस्तेमाल अधिक करे जिसके साथ खल्ली मिलाकर इस खाद हो अच्छी तरह से मिलकर मेडो पर डाल दे। इसमें बाद में 165 किमी बिज रोपने के पहले डाले और बीज रोपने के 30 दिन बाद आधी मात्रा फिर से इसमें डाले लेकिन याद रहे रासायनिक युक्त खाद न डाले जिससे आलू की फसल ख़राब हो सकती है। इस लिए इसमें अधिक जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाना चाइये।
बीज लगाने का सही समय
आलू की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले इसे लगाने का सही समय पता रहना चाइये आलू के बिजो को लगाने के लिए दिसंबर के अंतिम सप्ताह के सही समय माना जाता है जिसके बाद इसके कंदो को सही तरह से उपजाऊ होने के लिए इनकी दुरी भी मायने रखती है जिसके लिए इन्हें अच्छी मात्र में धुप पानी आदि मिल सके। इसे लगाने के लिए दुरी 40 सेमि होनी चाइये यह इस लिए इसके कंदो को बढ़ने के लिए सही स्थान भी मिल सके।
सिंचाई
आलू पानी पिता नही है जिसके लिए इसे कम सिंचाई करना चाइये यह पानी को चाटता है बीज रोपने के 10 से 20 दिन के बाद इसे थोड़ी थोड़े अंतराल में पानी देवे जिसके बाद खुरपी से इसकी खरपतवार कर ले जिससे इसकी फसल को बढ़ने के लिए अच्छी माना जाता है लेकिन इसकी सिंचाई में यह ध्यान रहे की इसे सींचने में 20 दिन से अधिक का अंतर न रखे।
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रोग और कीटो से बचाव
आलू में लगने वाले कीटो और रोगों से बचने के लिए इसमें आधा किलो सिमैजिन 50 डब्ल्यूएपी या फिर लिन्यूरोन का 750 लीटर पानी में घोल बनाकर खेत में डाल दे। कीट-पतंगों से बचाव के लिए एंडोसल्फान या फिर मैलाथियान का छिड़काव अंकुरण को अधिक बढ़ाता है जिसके बाद एल्ड्रिन या हैप्टाक्लोर का छिड़काव करे जो निचे मेडो पर करना चाइये जिससे कीटो से बचा जा सकता है इस तरह से कीटो और रोगों से बचने के लिए इन चीजो का अधिक इस्तेमाल करे।
आलू की उन्नत किस्मे
आलू को ऐसे ही नही बोया जाना चाइये इसमें सबसे पहले इसकी उन्नत किस्मों के बारे में पता रहना चाइये जिसके लिए इस तरह से उन्नत किस्मों को बताया गया है जिसमे कुफरी गंगा, कुफरी मोहन, कुफरी नीलकंठ, कुफरी पुखराज, कुफरी संगम, कुफरी ललित, कुफरी लीमा, कुफरी चिप्सोना-4, कुफरी गरिम आदि तरह की किस्मे है जिसका इस्तेमाल आप अपने खेतो में कर के अधिक उपज निकाल सकते है।
मुनाफा
आपको तो पता ही है यह 12 महीनो चलने वाली सब्जी है जिसकी डिमांड बहुत अधिक होती है इसके कीमत की बात करे तो अलग अलग शहरो में अलग अलग होती है फिर भी यह 30 रूपए किलो से 50 रूपए किलो तक हो सकती है और यदि आप इसे सीधा बेचते है तो आपको और भी फायदा होंगा और इसके आप सीधा चिप्स बनाने वाली कंपनी में भी बेच सकते है।