MP Municipal Corporation Election: भोपाल. मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म हो गया.
सुबह 7:00 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 5:00 बजे तक चला. बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने मतदान खत्म होने के बाद अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं.
हालांकि इन सबके बीच राज्य निर्वाचन आयोग राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर रहा. बीजेपी नेताओं ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा दिया.
एमपी में नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद अब आरोप का दौर शुरू हो गया है. निशाने पर राज्य निर्वाचन आयोग है.
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि राज्य निर्वाचन आयोग के तुगलकी फरमान के कारण लाखों लोग वोट नहीं डाल पाए.
राज्य निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. दो से ढाई लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सके.
ये सब राज्य निर्वाचन आयोग की जल्दबाजी के कारण हुआ है. बूथों की संख्या कम की गई, लोगों के बूथ बदल दिए गए.
MP Municipal Corporation Election:
क्या है मामला ?
6 जुलाई को राजधानी भोपाल सहित 11 नगर निगमों में पहले चरण का चुनाव हुआ. राजधानी भोपाल के कई बूथों पर लोग इस बात की शिकायत करते नजर आए कि उनके नाम मतदाता सूची में ट्रांसफर कर दिए गए.
जिस वार्ड में वो रहते हैं उसके बजाए किसी और जगह की मतदाता सूची में उनका नाम जोड़ दिया गया. इसलिए वो मतदान नहीं कर पाए. इसलिए लोगों में नाराजगी दिखी.
समय बढ़ाने की मांग
भारतीय जनता पार्टी की ओर से ग्वालियर नगर निगम सहित उन इलाकों में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाने की मांग राज्य निर्वाचन आयोग से की गई,
जहां पर बारिश की वजह से व्यवधान पड़ा था. भारतीय जनता पार्टी की मांग थी कि राज्य निर्वाचन आयोग शाम 5:00 बजे के बाद 6:00 बजे तक 1 घंटे का समय मतदान के लिए और बढ़ाए.
हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया.