New Delhi: ब्याज से की ज्यादा कमाई और पुराने रहे कर्जे की वसूली से चमकी तकदीर पांच वर्षों में बदली सरकारी बैंकों की कहानी

New Delhi: ब्याज से की ज्यादा कमाई और पुराने रहे कर्जे की वसूली से चमकी तकदीर पांच वर्षों में बदली सरकारी बैंकों की कहानी, सरकारी बैंकों की स्थिति यह थी कि RBI को 2017-18 में 21 में से 11 को pCA यानी खराब वित्तीय हेल्थ वाले बैंकों को निगरानी के दायरे में शामिल किया गया था। इन बैंको को न तो कर्ज देने की इजाजत थी और न ही नई जमा।

यह भी देखे:- Hair Care Tips: बालो को हेल्दी और जवा बनाने के लिए करे यह घरेलु उपाय

SBI वर्ष 2022-23 में कुल 50,232.45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाकर देश का पहला ऐसा बैंक बन गया है जिसने 50 हजार करोड़ रुपये के लाभ की सीमा पार की है। इसी वर्ष की चौथी तिमाही में Bank of Baroda का मुनाफा 168 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,775 करोड़ रुपये हो गया है।

यह भी देखे:- Creta की बैंड बजाने लॉंच हुई Hyundai की बेहतरीन कार, दमदार माइलेज नए फीचर्स के साथ

बैंक के लटके रहे कर्जे का स्तर ऐतिहासिक तौर पर न्यूनतम स्तर 0.89 प्रतिशत तक आ गया है और यह दुनिया के बड़े बैंकिंग संस्थानों के बराबर है। देश के दूसरे सबसे दिग्गज Punjab National BANK का अच्छा मुनाफा इसी तिमाही में 474 प्रतिशत बढ़कर 1,159 करोड़ रुपये रहा है।

यह भी देखे:- Indore News: मासूम बच्ची के पेट से डॉक्टर ने सर्जरी कर निकाला 864ग्राम का बालो का गुच्छा

New Delhi: ब्याज से की ज्यादा कमाई और पुराने रहे कर्जे की वसूली से चमकी तकदीर पांच वर्षों में बदली सरकारी बैंकों की कहानी

सरकारी बैंकों का प्रदर्शन

निजी बैंकों का प्रदर्शन भी इसी तरह से शानदार है, लेकिन सरकारी बैंकों का ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए है कि सिर्फ पांच वर्ष पहले अधिकांश सरकारी बैंकों देश के वित्तीय सेक्टर की सबसे कमजोर कड़ी बन चुके थे। सरकारी बैंकों की स्थिति यह थी कि RBI को 2017-18 में 21 में से 11 को पीसीए यानी खराब वित्तीय हेल्थ वाले बैंकों को निगरानी के दायरे में शामिल किया गया था। इन बैंको को न तो कर्ज देने की इजाजत थी और न ही नई जमा।

यह भी देखे:- Sofia Ansari ने शेयर की अपने नए घर के बेडरूम से यह हॉट फ़ोटो, फेन्स ने दिखाया प्यार

बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य का सबसे बड़ा मानक एनपीए होता है। मार्च, 2015 में सरकारी बैंकों का कुल एनपीए का स्तर 5 प्रतिशत था जो मार्च 2018 में बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गया था। इन बैंकों की पूंजी पर्याप्तता अनुपात बहुत कम 11.5 प्रतिशत पर आ गया था।

यह भी देखे:- IPS Anshika Verma Success Story: अच्छे अच्छे बॉलीवुड हीरोइन को खूबसूरती में टक्कर देती है यह आईपीएस

वर्ष 2017-18 के वित्त वर्ष के दौरान सरकारी बैंकों को कुल पुरा घाटा 85,390 करोड़ रुपये का था। अब हालात बदल चुके हैं। फंसे कर्जे के चिंताजनक स्तर को नीचे लाया जा चुका है। दिसंबर 2022 तिमाही में सरकारी बैंकों का औसत एनपीए 5.53 प्रतिशत था।

यह भी देखे:- Muskan Baby Haryanvi Dance Video: मुस्कान बेबी ने स्टेज पर दिखाए कुछ ऐसे मूवमेन्ट, देखने वाले के छुट गए पसीने

चौथी तिमाही में अब तक आए बैंकों के वित्तीय परिणामों से पता चला है कि इसमें और कमी आई है। सोच समझ कर कर्ज देने की नीति की वजह से नए कर्ज के फंसने की संभावना कम हुई है। सरकारी प्रतिभूतियों से कमाई ने तिजोरी भरने में और मदद की है।

यह भी देखे:- Muskan Baby Haryanvi Dance Video: मुस्कान बेबी ने स्टेज पर दिखाए कुछ ऐसे मूवमेन्ट, देखने वाले के छुट गए पसीने

Corona महामारी के बाद बढ़ी कारपोरेट मांग ने ब्याज से कमाई में नए रिकार्ड कायम करने की स्थिति बना दी है। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों में 12 सूचीबद्ध सरकारी बैंकों को 70,889 करोड़ रुपये का साफ मुनाफा हुआ है और चौथी तिमाही में मुनाफे का रिकार्ड जारी है।

यह भी देखे:- Hero Electric की बराबरी करने आ रही है Ola S2 Pro, मिल रहर है खास फीचर्स के साथ इतने किमी की अधिक रेंज।

ब्याज से हो रही ज्यादा कमाई

लाभ बढ़ने की एक वजह यह भी है कि बैंकों को ब्याज से ज्यादा मुनाफा हो रहा है। जब RBI की तरफ से कर्ज को महंगा किया गया तो बैंकों ने भी अपने कर्ज महंगे कर दिए। कोरोना महामारी के बाद के दो वित्त वर्षों में कर्ज की मांग लगातार बढ़ी हुई है। कर्ज महंगा होने के कारण कॉरपोरेट, होम और ऑटो लोन की मांग में वृद्धि बनी हुई है। दूसरी तरफ, बैंकों ने जमा दरों को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए कोई खास जतन नहीं किए हैं। पिछले वित्त वर्ष में ब्याज से होने वाली आय में 34 प्रतिशत तक बढ़ी है।

यह भी देखे:- Maruti Baleno पर कंपनी के द्वारा दिया जा रहा है 45,000रु तक का यह खास डिस्काउंट, वैलिड है इस तारिक तक

अब एनपीए के लिए ज्यादा प्रोविजनिंग नहीं करनी पड़ रही है। पुराने एनपीए की वसूली तेज हो गई है जिससे शुद्ध मुनाफा बढ़ रहा है। बैंकिंग सेक्टर में अच्छे वक्त व खराब वक्त का एक चक्र होता है। उम्मीद है कि अभी जो शानदार प्रदर्शन का दौर चल रहा है वह लंबे समय तक चलेगा। शुद्ध मुनाफा आगे भी इसलिए बढ़ता रहेगा क्योंकि पुराने एनपीए के कई मामलों में दिवालिया प्रक्रिया अब तेज हो रही है जिससे बैंकों को अतिरिक्त वसूली होगी।

यह भी देखे: Toyota Glanza के कीमतों के साथ अन्य टोयोटा की गाडियो की बढ़ी कीमत, 40,000रु तक हुई बढ़ोतरी

New Delhi: ब्याज से की ज्यादा कमाई और पुराने रहे कर्जे की वसूली से चमकी तकदीर पांच वर्षों में बदली सरकारी बैंकों की कहानी

New Delhi: ब्याज से की ज्यादा कमाई और पुराने रहे कर्जे की वसूली से चमकी तकदीर पांच वर्षों में बदली सरकारी बैंकों की कहानी

Leave a Comment

Chimichurri Sauce Awesome Pasta Salad Kadife tatlısı nasıl yapılır? Evde kolayca hazırlayabileceğiniz pratik tatlı tarifi! Hülya Avşar: Fazla zenginlik insana zarar veriyor Amitabh Bachchan Net Worth: कितनी है अमिताभ बच्चन की नेटवर्थ? अपनी संतान अभिषेक और श्वेता को देंगे इतने करोड़ की प्रॉपर्टी!