Paush Purnima 2022: आज पौष पूर्णिमा पर जरूर करें गंगाजल से स्नान, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व

Paush Purnima 2022: आज पौष पूर्णिमा पर जरूर करें गंगाजल से स्नान, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व

Paush Purnima 2022: आज पौष पूर्णिमा पर जरूर करें गंगाजल से स्नान, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व

Paush Purnima 2022 । पौष माह में आने वाली पूर्णिमा को पूर्णमासी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णमासी की पूर्णिमा का काफी शुभ माना जाता है और हर वर्ष जनवरी माह में पौष मास की पूर्णिमा पड़ती है।

 

विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन अगर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

गंगा स्नान से मिलता है पुण्य फल

Paush Purnima 2022: आज पौष पूर्णिमा पर जरूर करें गंगाजल से स्नान, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व
Paush Purnima 2022: आज पौष पूर्णिमा पर जरूर करें गंगाजल से स्नान, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व

 

Paush Purnima के दिन गंगा में स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन की पूजा का बहुत महत्व है।
ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भक्त अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी तरह का दान करता है तो उसे कई गुना फल मिलता है।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 17 जनवरी, 2022 पूर्वाह्न 03:18 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 18 जनवरी, 2022 पूर्वाह्न 05:17 बजे

Paush Purnima स्नान

माघ मास का दूसरा प्रमुख स्नान Paush Purnima यानि आज यानी 17 जनवरी यानी सोमवार को है। पंचांग के मुताबिक 16 जनवरी रविवार को पूर्णिमा तिथि दोपहर 2:40 बजे होगी, जो 17 जनवरी को प्रातः 4:30 बजे तक रहेगी, जिससे 17 तारीख को पूर्णिमा पड़ेगी और इस दिन स्नान करना भी शुभ होता है।

Paush Purnima की पूजा विधि

Paush Purnima के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ होता है। साथ हगी इस दिन यदि आप गंगाजल से स्नान नहीं कर पाते हैं तो बाल्टी में ही गंगाजल डाल कर स्नान करें और भगवान का स्मरण करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु के सामने दीप जलाकर व्रत करें और फिर उनकी पूजा कर भगवान का स्मरण करें। भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें।
फिर शक्ति के अनुसार भगवान को भोग लगाएं, कुछ न हो तो तुलसी को ही अर्पित करें। अंत में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद जरूरतमंदों को क्षमता के अनुसार दान करें।
इसके बाद ईश्वर से आपकी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें। इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी महत्व है, इसलिए चंद्रमा की भी पूजा करें। साथ ही गाय को भी भोजन कराना चाहिए।

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