Wheat Price: भारत एक कृषि प्रधान देश है यह अधिक किसान रहते है जिसके चलते हमारे देश में फसल भी बहुत अधिक होती है।
गेंहू की कीमतों को लेकर काफी चर्चा होती है जो किसानो के लिए बहुत बड़ी बात होती है इसके चलते गेंहू के दामो में गिरावट और उछाल होते रहता है लेकिन सूत्रो से मिली खबर के अनुसार अगस्त माह में गेंहू के दाम आसमान छु सकते है।
गेंहू के दाम पिछले कुछ दिनों पहले गिरावट आ चुकी थी जिसकी वजह से किसानो को काफी नुकसान हुआ था जिसके चलते यह भरपाई नही हो पाई थी।
Wheat Price: गेहूं की कीमतें आसमान छू रही
पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में जब इंडिया ने लगभग 7.2 मिलियन टन गेहूं निर्यात किया था. चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक यह निर्यात 6 Million Tones होने का अनुमान है.
भारत ने Wheat की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और खाद्य मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए इस साल मई में निर्यात प्रतिबंध की घोषणा की थी,
लेकिन उपभोक्ता मामले, Food and Public Distribution के आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं की कीमतें आसमान छू रही हैं.
6 August को पूरे Country में गेहूं के आटे की औसत खुदरा और थोक कीमतें साल-दर-साल के लिहाज से क्रमशः 14 प्रतिशत और 19 प्रतिशत अधिक थीं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतों में 14.5% की गिरावट
पिछले वर्ष की 5 अगस्त की तुलना में गेहूं के आटे की खुदरा कीमतें दिल्ली में 21 फीसदी अधिक, मुंबई में 29 फीसदी अधिक और कोलकाता में 46 फीसदी अधिक थीं.
इसके विपरीत, जुलाई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतों में 14.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
गेहूं का Government Stock खाद्य सब्सिडी योजनाओं और रणनीतिक भंडार के लिए आवश्यक स्टॉक से थोड़ा ही अधिक है.
22 जुलाई तक भारत में 27.6 मिलियन टन के Stock मानदंडों के मुकाबले सार्वजनिक स्टॉक में 27.8 मिलियन टन गेहूं था. मौजूदा शेयर 14 साल में सबसे निचले स्तर पर है.